नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इंटरार्क कंपनी के सिडकुल पन्तनगर और किच्छा प्लांट के 32 मजदूरों के उत्तराखंड राज्य से बाहर किये गए स्थानांतरण पर रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई ।
मामले के अनुसार इंटार्क बिल्डिंग मैटीरियल्स प्राईवेट लि. पंतनगर और किच्छा में करीब 16 माह चले लंबे संघर्ष के पश्चात अपर जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर, पुलिस अधीक्षक एवं सहायक श्रमायुक्त समेत ऊधमसिंह नगर जिले के उच्च अधिकारियों की मध्यस्थता में इंटरार्क प्रबंधन एवं मजदूर यूनियन प्रतिनिधियों के मध्य 15 दिसंबर 2022 को लिखित समझौता संपन्न हुआ था।
समझौते के तहत आंदोलन के दौरान निलंबित 51 मजदूरों एवं बर्खास्त 13 मजदूरों सहित सभी 64 मजदूरों की कार्यबहाली करने और मजदूरों के वेतन में 1700 रुपये की वृद्धि आदि शामिल थे। 64 निलंबित एवं निष्कासित मजदूरों में से 34 मजदूरों को 3 माह की अवधि के लिए ओडी हेतु उत्तराखंड राज्य से बाहर जाना था और शेष 30 मजदूरों की किच्छा एवं पन्तनगर प्लांट में कार्यबहाली होनी थी।
उक्त 34 मजदूर जब ओडी अवधि पूरी करके वापस आये और किच्छा एवं पन्तनगर प्लांट में ड्यूटी के लिए उपस्थित हुए तो कंपनी प्रबंधन उनकी कार्यबहाली कराने से मना कर दिया और उक्त समझौते का पालन नहीं किया गया ।
प्रबंधन ने समस्त 32 मज़दूरों की गैरकानूनी रूप से राज्य से बाहर स्थानांतरण का आदेश जारी कर दिया। जबकि समझौते के तहत 3 माह की ओडी से वापसी के बाद उनकी अपने प्लांट में ही तैनाती होनी थी। यही नहीं उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा जुलाई 2020 में एक अन्य मामले में मजदूरों के उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर करने पर रोक लगाई हुई थी।