नैनीताल । उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने उच्च शिक्षण संस्थानों,व्यवसायिक व मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग को रोकने के लिये दो हफ्ते के भीतर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला निगरानी समिति गठित करने के निर्देश सरकार को दिए हैं । साथ ही प्रत्येक विश्व विद्यालय में एंटी रैगिंग सेल गठित करने को कहा है । हाईकोर्ट ने रैगिंग रोकने के लिये उच्च शिक्षण संस्थानों के लिये कई दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इन निर्देशों का पालन करना प्रत्येक संस्थान के मुखिया की जिम्मेदारी होगी । साथ ही कहा है कि यदि किसी संस्थान में रैगिंग की शिकायत मिलती है तो इसके लिये उस संस्थान का मुखिया जिम्मेदार होगा ।
       मंगलवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज के 27 छात्रों के साथ रैगिंग किए जाने के खिलाफ दायर सचिदानन्द डबराल की।  जिसमें कहा है कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कालेज में 27 छात्रों का सिर मुड़वाकर कर उनके साथ रैगिंग की गई। उनके पीछे बाकायदा एक सुरक्षा गार्ड भी चल रहा है। हालांकि, कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उसके पास रैगिंग की कोई शिकायत नहीं आयी है। सुनवाई के दौरान याचिकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि वायरल वीडियो में 27 छात्र एक लाइन में खड़े सिर मुड़वाये हुए है और सभी के हाथ पीछे की और है एक गार्ड उनके पीछे तालिबानी स्टायल में खड़ा हुआ है। कहीं छात्र भाग न जाएं। रैगिंग करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के विरुद्ध है।
  इस याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों के लिये कई निर्देश जारी किए हैं जिन्हें दो हफ्ते के भीतर शिक्षण संस्थानों को उपलब्ध कराया जाना है और इन आदेशों के अनुपालन की रिपोर्ट 6 जून से पहले हाईकोर्ट में देनी है ।

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