नैनीताल । अल्मोडा निवासी एक मर्चेंट नेवी अफसर के साथ दहेज उत्पीड़न के नाम पर अल्मोड़ा महिला थाना पुलिस द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार व मारपीट का हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है । हाईकोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता से इस मामले में पुलिस महानिदेशक से निर्देश लेकर यह बताने को कहा है कि आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है ? मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई । इस मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को होगी । हाईकोर्ट के आदेश की प्रति तत्काल ई मेल के जरिये डी जी पी व डी आई जी कुमाऊं को भेज दी गई है ।
मामले के अनुसार अल्मोड़ा निवासी मोहित जोशी पर उनकी पत्नी ने दहेज उत्पीड़न के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की है। मर्चेंट नेवी अधिकारी जोशी ने अपनी शिकायत में कहा कि उक्त मामले में पुलिस हिरासत में उसके साथ न केवल दुर्व्यवहार किया गया बल्कि अपमानित भी किया गया। मोहित की पत्नी ने उसके विरुद्ध अल्मोड़ा के महिला थाने में आईपीसी की धारा 498-ए, 504, 506 और दहेज निषेध अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला थाने की थानाध्यक्ष बरखा कन्याल ने 18 अप्रैल को जोशी के खिलाफ महिला पुलिस इकाई के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए एक और मामला दर्ज किया। एसओ ने एफआईआर में कहा कि जब वह 17 अप्रैल को जोशी के घर गईं, तो उनके कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डाली गई और जोशी ने दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाया।
जबकि जोशी ने अदालत को बताया कि उन्होंने अपने आवास पर पूरी घटना का वीडियो बनाया है, जहां सिविल ड्रेस में, बिना कोई परिचय दिए, पुलिस ने उनके और उनके परिवार की सदस्य के साथ दुर्व्यवहार किया और इसकी जानकारी पुलिस व प्रशासन के उच्चाधिकारियों को दी । लेकिन उन पर कार्यवाही नहीं हुई ।
उन्होंने सूचना के अधिकार कानून के तहत सीसीटीवी फुटेज हासिल किए हैं। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का अनुरोध किया है।