नैनीताल ।  जलागम समिति संस्थान सजगोड़ी अल्मोड़ा द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से हिमालय क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास हेतु  नैनीताल में 25 दिवसीय पारम्परिक लोक कलाओं के प्रशिक्षण के बाद रविवार को रामलीला मंच सात नम्बर नैनीताल में उत्तराखण्ड की लोक गाथा पर आधारित “हरूहीत” नाटक और पारम्परिक लोक गीत एवं लोक नृत्यों का मंचन किया।
       इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि रामलीला कमेटी शेर का डांडा के अध्यक्ष खुशाल सिंह एवं विशिष्ट अतिथि रामलीला कमेटी के सचिव पूरन चन्द्र पांडे द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया । इस अवसर पर जलागम समिति संस्थान के अध्यक्ष लाल सिंह ने अतिथियों का स्वागत शाल उड़ाकर व प्रतीक चिन्ह  प्रदान कर किया।
    कार्यक्रम की शुरुआत देवी वन्दना- नन्दा मैया तेरी जय जयकार से हुई । जिसके बाद पूजा आर्या ने एकल गीत व उसके बाद झोड़ा छपेली की प्रस्तुति हुई । लोकगायक अजय कुमार के एकलगीत के बाद प्रसिद्ध लोकगाथा पर आधारित नाटक हरुहीत की प्रस्तुति हुई । कार्यक्रम के अंत में गढ़वाली ग्रुप नृत्य कन प्यारो चौमासा व मोनिका द्वारा कुमाऊँनी गीत प्रस्तुत किया ।
     इस कार्यक्रम का निर्देशन- पवन कुमार,सह निर्देशक पिंकी आर्य, नृत्य निर्देशन रिया टम्टा,संगीत निर्देशन अजय कुमार ने किया था । वाद्य यंत्र ढोल में धीरज कुमार, बासुरी वादन कैलाश, हुड़का वादन भुवन कुमार, हारमोनियम में धीरज कुमार थे ।
 गीतकार अजय कुमार, ललित मोहन, कविता जोशी, रश्मि रावत थे । नृत्य कलाकार तान्या मेहरा, शीतल जायसवाल, महिपाल, जीवन सिंह बिष्ट, रूपा रावत, दीपा, नन्दीता सिंह, तन्नू रावत प्रत्यूश थे । कार्यक्रम का संचालन उमेश काण्डपाल व विडियो व फोटोग्राफी  कान्तापाल ने की ।

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