पंचायतराज अधिनियम के मुताबिक दो से अधिक बच्चे वाले दम्पत्ति पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य होते हैं और यदि चुनाव जीतने के बाद भी उनका बच्चा होता है तो वे पद पर नहीं रह सकता । ऐसा ही एक मामला टिहरी जिले में आया जहां एक ग्राम प्रधान को तीसरा बच्चा होते ही जिलाधिकारी ने उन्हें पद से हटा दिया ।बताया गया है कि भिलंगना ब्लॉक के ग्राम पंचायत सेम के बिकेंद्र सिंह कठैत ने जिला प्रशासन को एक शिकायती पत्र सौंपा था। शिकायत में उन्होंने कहा था कि ग्राम प्रधान विक्रम सिंह नेगी की 25 जुलाई 2019 से पहले दो जीवित संतान थी। 8 जुलाई 2021 को बेलेश्वर अस्पताल में उनकी पत्नी सरिता देवी ने तीसरी संतान को जन्म दिया है। शिकायत का संज्ञान लेने पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने भिलंगना के खंड विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी को संयुक्त जांच करने के निर्देश दिए। बीईओ व सहायक विकास अधिकारी की जांच में शिकायत सही पाई गई। जांच आख्या के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी की ओर से ग्राम पंचायत सेम के प्रधान विक्रम सिंह नेगी को नोटिस जारी किया गया। 22 अक्तूबर 2021 को नोटिस के जवाब में प्रधान ने स्वयं की तीन जीवित संतान होने की पुष्टि की है। 17 फरवरी 2022 को डीएम की ओर से ग्राम प्रधान नेगी को सुनवाई का अवसर देते हुए साक्ष्यों के साथ स्वयं उपस्थित होने को कहा गया था, लेकिन निर्धारित तिथि तक ग्राम प्रधान न स्वयं उपस्थित हुए और न ही कोई प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया गया। ग्राम प्रधान सेम विक्रम सिंह नेगी को पंचायत राज अधिनियम 2016 (यथा संशोधित-2019) की धारा 8 की उपधारा (1) द का स्पष्ट दोषी पाए जाने पर डीएम इवा आशीष श्रीवास्तव ने 25 मार्च को ग्राम प्रधान पद से पदमुक्त कर दिया है।