नैनीताल । नैना पीक की पहाड़ी से मंगलवार की सुबह करीब सवा चार बजे पुनः पत्थर व बोल्डर गिरे । इससे पूर्व विगत दिवस पहाड़ी से गिरे पत्थर किलबरी पंगोट मार्ग तक आ गए थे । जिन्हें सड़क से हटा दिया गया है ।
मोहन पार्क निवासी गोपाल नेगी” भय्यू” जो कि सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं, ने बताया कि आज सुबह भी नैना पीक से पत्थर गिरे ।
नैना पीक से पत्थर गिरने की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी वंदना सिंह ने प्रभागीय वनाधिकारी नैनीताल को भूस्खलन की घटना को रोकने के लिए नैना पीक क्षेत्र में सुरक्षा दीवार, वायरक्रेट और कैच पीट की सफाई संबंधित कार्य कराए जाने के निर्देश दिए हैं
जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी ने प्रभागीय वन अधिकारी नैनीताल वन प्रभाग को निर्देशित किया है कि पिछले कुछ वर्षों से नैनीताल वन प्रभाग स्थित नैना पीक की पहाड़ियों में भूस्खलन की घटनाएं हो रही है और पहाड़ियों में हो रहे भूस्खलन के संबंध में जिला स्तर से संबंधित विभागों के भूवैज्ञानिक, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग द्वारा संयुक्त रूप से सभी निरीक्षण किया गया है। इसके अलावा विस्तृत एवं उच्च स्तरीय सर्वेक्षण एवं दीर्घकालिक उपचार हेतु शासन से अनुरोध किया गया है। उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन इकाई केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा भी प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया गया है। लेकिन बीते रोज 2 जुलाई को उक्त स्थान पर पुनः भूस्खलन की घटना होने से कुछ पत्थर बॉर्डर का बारापत्थर-किलबरी मार्ग पर आना संज्ञान में आया है, जो कि चिंताजनक स्थिति है, लिहाजा भविष्य में इस प्रकार की घटना से किसी प्रकार की जनहानि होना संभावित है। इसलिए नैना पीक की पहाड़ियों में सक्रिय भूस्खलन के डाउनस्ट्रीम में रेकी कराते हुए भूस्खलन के उपरांत गिरने वाले पत्थरों/ बोल्डर की तात्कालिक रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक कार्य वायरक्रेट, कैच पीट की सफाई और सुरक्षा दीवार बनाए जाने की कार्रवाई अति शीघ्र करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में भूस्खलन से पत्थर व बोल्डर बारापत्थर- किलबरी मार्ग में लुढ़क कर मोटर मार्ग तक न पहुंच सके, साथ ही इस प्रकरण को गंभीरता से शीर्ष प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए गए हैं।