नैनीताल । भाकपा माले के नगर सचिव अधिवक्ता कैलाश जोशी ने कहा कि “चुनावी लाभ के लिए सीएए और एनआरसी के जरिए मोदी सरकार हमारी नागरिकता को संकट में डाल रही है । इलेक्ट्रोरल बांड के घोटाले से ध्यान बांटने के लिए मोदी सरकार ने यह दांव चला है ।
यहां जारी बयान में कैलाश जोशी ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार द्वारा चुनावी लाभ लेने के लिए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले देश के ऊपर जबर्दस्ती थोपा गया सीएए और एनआरसी अपने आप में असंवैधानिक है। सच यह है कि इलेक्ट्रोरल बांड के जरिए अरबों रुपए के घपले से ध्यान बांटने के लिए मोदी शाह की सरकार ने यह दांव खेला है। जबकि नागरिकता कानून में संशोधन की कोई जरूरत ही नहीं है। भारत में पहले से ही नागरिकता कानून है जिसके तहत किसी भी शरणार्थी या आप्रवासी को नागरिकता दी जा सकती है। यह हमारे धर्मनिरपेक्ष संविधान में साम्प्रदायिक नफरत का छेद बनाने के लिए किया गया है और इसीलिए हम इसे नामंजूर करते हैं।
नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी पूरी तरह से साम्प्रदायिक और असंवैधानिक है जो धर्म देख कर तय करे कि किसे शरणार्थी बनाया जाय और किसे घुसपैठिया कहा जाय, इस प्रकार नागरिकता के मामले में किसी धर्म विशेष के साथ भेदभाव करे। यह आजादी के आन्दोलन से तप कर बने आज के हिन्दुस्तान के विरुद्ध भाजपा का हमला है। यह उस भारत के खिलाफ हमला है जिसकी गारंटी हमारा संविधान करता है। यह हमारी बहुलता, हमारी विविधता और हम सबके भाईचारे की संस्कृति और विरासत पर हमला है। इसलिए भारत, हमारा देश नागरिकता कानून में लाये गये भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी को कभी स्वीकार नहीं करेगा। भारत के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए सभी वामपंथी, प्रगतिशील, देशभक्त, लोकतांत्रिक संगठनों और व्यक्तियों को एकजुट होकर मोदी सरकार के इस फैसले के विरोध में उतरना चाहिए।