नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा के 12 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं । उनकी सेवानिवृत्ति के मौके पर अपराह्न 3:30 बजे मुख्य न्यायाधीश न्यायालय में एक फुल कोर्ट रेफरेंस (विदाई समारोह) का आयोजन किया जाएगा।
न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा उत्तराखंड राज्य की वर्ष 2005 की हायर ज्यूडिशियल सर्विस बैच के प्रथम सदस्य रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के रामजस स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की, तत्पश्चात दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.एससी., एल.एल.बी. तथा फॉरेंसिक साइंस में कोर्स किया।
वर्ष 1987 में उन्होंने वकालत के क्षेत्र में कदम रखा और दिल्ली की जिला अदालतों एवं उच्च न्यायालय में मुख्यतः सिविल, आपराधिक तथा वैवाहिक मामलों में अधिवक्ता के रूप में कार्य किया। वे वर्ष 1990 में दिल्ली सरकार के लिए सरकारी वकील नियुक्त हुए और 1994 में अतिरिक्त लोक अभिभाषक बने। उन्होंने शिक्षा निदेशालय, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली पुलिस तथा रेलवे जैसे विभिन्न विभागों के मामलों का सफलतापूर्वक संचालन किया।
वर्ष 2000 में वे भारत सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता नियुक्त किए गए। हायर ज्यूडिशियल सेवा में सम्मिलित होने के पश्चात उन्होंने हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी और नैनीताल में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। साथ ही कई जिलों में जिला न्यायाधीश,राज्यपाल के विधिक सलाहकार, वाणिज्य कर अधिकरण देहरादून के अध्यक्ष, उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी के निदेशक रहे । अप्रैल 2022 में उन्हें उत्तराखंड उच्च न्यायालय का रजिस्ट्रार जनरल नियुक्त किया गया और 27 अप्रैल 2023 को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। वे करीब 26 माह हाईकोर्ट के न्यायधीश के पद पर रहे ।