नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट में नैनीताल शहर के आंतरिक सड़कों में वाहन खड़े करने से लगने वाले जाम के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को पुलिस व प्रशासन ने जनसामान्य से प्राप्त सुझाव कोर्ट में पेश किए ।  मामले  की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित  की खण्डपीठ में हुई । मामले की अगली सुनवाई हेतु 14 फरवरी की बाद की तिथि नियत की गई है।
    पूर्व के आदेश पर शुक्रवार को जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था व पार्किंग की व्यवस्था के सम्बंध में स्थानीय लोगों, व्यापार मंडल, होटल एसोसिएशन व अन्य संगठनों के साथ हुई बैठक में प्राप्त सुझाव कोर्ट में पेश किए। इन सुझावों में कहा गया है कि आंतरिक सड़कों से वाहन हटाने के लिए पार्किंग की व्यवस्था हो। जिला प्रशासन छोटी छोटी पार्किंग की व्यवस्था करे जिससे जाम भी न लगे व स्थानीय लोगों को भी परेशानियों का सामना न करना पड़े।  इसके अलावा जो सुझाव दिए गए हैं उनमें मेट्रोपोल पार्किंग का निर्माण, हनुमागढ़ से रानीबाग तक रोपवे का निर्माण, शहर में जहाँ सरकारी व निजी भूमि खाली पड़ी है उन जगहों पर छोटी छोटी पार्किंग बनाये जाएं । शहर में छोटे इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का संचालन व स्थानीय लोगों के वाहनों के लिए पार्किंगों में 30 प्रतिशत वाहन खड़े करने की छूट सहित कई अन्य सुझाव दिए गए। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह भी कहा कि स्थानीय लोगों के घरों को जाने वाले मार्ग खस्ताहाल हैं, इसलिये उनकी मरम्मत की जाय। जिस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी व अन्य  सम्बंधित अधिकारियों को इस मामले में पक्षकार बनाने को कहा है।
  यह जनहित याचिका अधिवक्ता श्रुति जोशी ने दायर की है । जिसमें आंतरिक मार्गों में वाहन खड़े होने से लगने वाले जाम का उल्लेख है ।

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