नैनीताल। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने सभी अधिकारी व कर्मचारियों को अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में थाना भीमताल में पंजीकृत एक अभियोग में विवेचक रविन्द्र सिंह राणा को विवेचना में लापरवाही बरतने पर गुरुवार को निलंबित कर दिया है।

 

 

एसएसपी ने इस कार्यवाही को कड़ा संदेश बताते हुए सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि अभियोगों की विवेचना में एवं अपने कर्तव्य के प्रति भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कहा कि अपनी जिम्मेदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता देने व पूरी तत्परता से कार्य करना सुनिश्चित करें। अन्यथा लापरवाही बरतने पर कार्यवाही हेतु तैयार रहें।

 

इधर अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश प्रथम/विशेष न्यायधीश एन डी पी एस एक्ट नैनीताल श्री विक्रम की अदालत ने एन डी पी एस एक्ट में गिरफ्तार 3 आरोपियों को न्यायिक रिमांड में भेजने की पुलिस की अपील खारिज कर दी और आरोपियों को 30-30 हजार के बॉन्ड भरने पर छोड़ दिया । इन मामलों में विवेचकों द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार करने से पूर्व उन्हें गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया था । जबकि यह जांच अधिकारी के लिये संवैधानिक बाध्यता है ।

   मामले के अनुसार पहले  मामले में  लालकुआं पुलिस ने चन्दन सिंह मेहता उर्फ गना पुत्र मोहन सिंह  निवासी खुरियाखत्ता को एन डी पी एस एक्ट में गिरफ्तार किया । जिसकी विवेचना दरोगा गौरव जोशी ने की । लेकिन जब वे आरोपी को न्यायिक रिमांड में भेजने के लिये कोर्ट के समक्ष लाये तो उनके द्वारा पेश गिरफ्तारी मेमो व अन्य प्रपत्रों में आरोपी को गिरफ्तारी का कारण बताने के कॉलम को नहीं भरा था । जबकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 47 व संविधान के अनुच्छेद 22(1) के अनुपालन में गिरफ्तारी से पूर्व कारण बताना विवेचक की बाध्यता है । इसी आधार पर आरोपी को न्यायिक रिमांड में भेजने की पुलिस के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया ।

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लालकुआं थाने के दरोगा बलवीर सिंह भी एन डी पी एस एक्ट में गिरफ्तार सुखविंदर सिंह उर्फ सुक्खा व हरजिंदर सिंह निवासी नानकमत्ता को न्यायिक रिमांड में जेल भेजने हेतु कोर्ट के समक्ष लाये थे । इसी दौरान दरोगा बलवीर सिंह जो कोर्ट में मौजूद थे, ने चन्दन सिंह मेहता मामले में कोर्ट के आदेश को सुना और वे सुखविंदर व हरजिंदर की गिरफ्तारी से सम्बंधित गिरफ्तारी मेमो में कोर्ट के अंदर ही कुछ भरने लगे । जिसे कोर्ट ने देख लिया । जिस पर कोर्ट ने गम्भीर रुख अपनाते हुए पुलिस की न्यायिक रिमांड नामंजूर कर दी और कोर्ट में गिरफ्तारी मेमो में छेड़छाड़ करने पर गम्भीर रुख अपनाया । कोर्ट ने पुलिस की आरोपियों के लिये मांगी गई न्यायिक रिमांड नामंजूर करते हुए आरोपी दरोगा बलवीर सिंह के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश डी जी पी व सम्बन्धित अधिकारियों को दिए हैं ।

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एक अन्य मामले में  जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार की अदालत ने 414 टिन अवैध लीसे से भरे ट्रक को सोमेश्वर से हल्द्वानी ले जा रहे ट्रक ड्राइवर की जमानत मंजूर करते हुए आरोपी ट्रक मालिक व लीसा भेजने वाले व्यक्ति के खिलाफ भीमताल थाने के दरोगा गगनदीप सिंह द्वारा पूछताछ न करने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए एस एस पी नैनीताल व डी आई जी कुमाऊं से उक्त व्यक्तियों से पूछताछ करने व विवेचक दरोगा गगनदीप सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने को कहा है ।

      मामले के अनुसार 4 जनवरी 2025 को भीमताल में पुलिस ने ट्रक संख्या यू के 1 सीए 0913 से 414 टिन लीसा बरामद किया था । जिसे दशौला बडियार भनोली निवासी दीवान सिंह चला रहा था । जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया । इस मामले में ट्रक डाइवर दीवान सिंह की ओर से जिला एवं सत्र न्यायालय के समक्ष जमानत अर्जी दायर कर कहा कि इस मामले में पुलिस ने न तो ट्रक मालिक गणेश दत्त निवासी ठुलीगाड़ व और न ही लीसा भेजने वाले दीपू पांडे से पूछताछ की । इसलिये उन्हें जमानत दी जाए । जिसके बाद कोर्ट ने ट्रक डाइवर की जमानत मंजूर कर ली । कोर्ट ने विवेचक दरोगा के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं ।

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