नैनीताल । डॉ० स्वाति रावत का जन्म केदार सिंह रावत के घर 2 फरवरी 1984 को हुआ। बचपन से ही पढ़ाई में रूचि रखने वाली स्वाति आज अमेरिका जैसे विशाल देश में इन्वायरमेन्टल साइन्टिस्ट के पद पर आर्केडिस जैसी नामी कम्पनी में कार्यरत है। स्वाति रावत की शिक्षा इण्टरमीडिएट तक सैन्ट मेरीज कॉन्वेन्ट हाईस्कूल, नैनीताल में हुई।
इण्टर के बाद ऑल इण्डिया इंजीनियरिंग की परीक्षा उत्तीर्ण कर उन्होंने बीटेक की डिग्री पंतनगर एग्रीकल्चर एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पन्तनगर से पास की। बीटेक करने बाद उनका प्लेसमेन्ट टैफे कम्पनी चेन्नई में इंजीनियर के तौर पर तैनात किया गया। एक वर्ष तक चेन्नई में कार्य करने के बाद और अच्छा करने की जिज्ञासा हुई और उन्होंने जी०आर०ई० तथा टॉफिल की परीक्षा पास करके अमेरिका में वेको में वेलर विश्वविद्यालय में 2011 में पर्यावरण साइन्स विषय पर एम०एस० की डिग्री प्राप्त की । 2011 से 2013 तक अमेरिका सरकार के ई०पी०ए० डिपार्टमेन्ट में जॉर्जिया राज्य में रिसर्च पोजीशन पर कार्य किया। 2014 से 2018 तक टैक्सास विश्वविद्यालय में आलपासों से पर्यावरण साइन्स में पीएच डी० की उपाधि प्राप्त की। 2019 से 2020 तक टैक्सिलॉजीस्ट के पद पर इन्वाइरन्मैन्टल क्वालिटी डिवीजन, टॅक्सास राज्य अमेरिका) में वैज्ञानिक के पद पर कार्य किया। 2021 से (नार्थ अमेरिका में कोलोराडो) वर्तमान में ऑस्टीन टैक्सास राज्य में इस अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत हैं। स्वाति रावत के माता-पिता आर्य समाज के माध्यम से सामाजिक कार्यों से जुड़े रहते हैं। स्वाति रावत का बड़ा भाई बजाज एलियांस दिल्ली में जोनल मैनेजर के पद पर कार्यरत है। डॉ० स्वाति रावत विश्व में बिगड़ते पर्यावरण को कैसे बचाया जाय इस पर गहरा शोध आर्केडिस अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनी में जारी रखे हुए है। स्वाति रावत को भारत का मूल नागरिक होने पर गर्व है। अमेरिका में हजारों भारतीयों से हमेशा जुड़ी रहती हैं। डॉ० स्वाति रावत की इच्छा है कि उत्तराखंड के बच्चे भी मेहनत करके आगे बढ़ सकते हैं। यद्यपि अमेरिका में बने रहने के लिए काफी संघर्षमय जीवन जीना पड़ता है।