नैनीताल ।
राजकीय शिक्षक कुमाऊं मण्डल अध्यक्ष डॉ. गोकुल सिंह मर्तोलिया ने विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह के आज के बयान की निंदा की है. विदित हो कि एक अख़बार में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह का बयान प्रकाशित हुआ है कि ” कुछ शिक्षक नेता शिक्षकों को गुमराह कर छात्र/छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं शिक्षक खुद कोर्ट गये हैं जिससे पदोन्नति लटकी है ” । जिस पर संघ ने नाराजगी व्यक्त की है ।
कुमाऊं मण्डल अध्यक्ष डा. गोकुल सिंह मर्तोलिया ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी आज तक शिक्षकों की वरिष्ठता तय नहीं कर पाये हैं न नियम संगत वरिष्ठता सूची बना पाये हैं, अपनी कमियों को छिपाने के लिए अधिकारी मन्त्री को व जनता को गुमराह करते हैं । ज़ब भी अपनी कमी छुपानी हो तो कह देते हैं कि पदोन्नति इसलिए नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि शिक्षक न्यायालय गये हैं । ज़ब विभाग के पास वरिष्ठता नियमावली है तो नियमों के आलोक में वरिष्ठता क्यों नहीं तय की गयी? यदि वरिष्ठता निर्धारण नियम संगत नहीं होगा तो प्रभावित पक्ष कहां जायेगा ।
वरिष्ठता निर्धारण करने का उत्तदायित्व नियोक्ता अधिकारी का होता है । जिम्मेदार अधिकारी कभी यह नहीं बताते कि आज तक वरिष्ठता निर्धारण का कार्य वह नहीं कर पाये । अपनी कमी को छिपाने के लिए शिक्षकों को दोष देना आसान है । पहले मन्त्री कहते थे कि जिस दिन शिक्षक अपना केस न्यायालय से वापस लेंगे पदोन्नति कर देंगे अब यही बात अधिकारी कहने लगे ।
महानिदेशक द्वारा दिया गया बयान गैर जिम्मेदाराना व अपनी कमी छिपाने का प्रयास मात्र है ।