नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष चमोली लक्ष्मण सिंह रावत के खिलाफ लाये जा रहे अविश्वास प्रस्ताव का परिणाम घोषित करने पर रोक लगाते हुए सरकार व जिला पंचायत चमोली को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते के भीतर जबाव दायर करने को कहा है । मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायधीश न्यायमूति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई ।
चमोली के जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने जिला पंचायत चमोली द्वारा 16 मार्च को जारी नोटिस, जिसके तहत उनके खिलाफ 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने हेतु बोर्ड बैठक बुलाई गई है को हाईकोर्ट में चुनौती दी है । याची के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने बदले की भावना व विद्वेष के कारण अनुचित दबाव बनाकर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तैयार करवाया है । इस प्रस्ताव से पूर्व पंचायत राज अधिनियम का पालन भी नहीं किया गया है ।
लक्ष्मण रावत के मुताबिक जिला पंचायत में हो रही कई अनियमितताओं की उन्होंने शासन में शिकायत की थी । इन शिकायतों की जांच के बाद शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटा दिया था । लेकिन बाद में उन्हें हाईकोर्ट से स्टे मिल गया था और शासन द्वारा उनके खिलाफ लगे आरोपों की नए सिरे से जांच की जा रही ।
शासन,जिला पंचायत व अन्य को सुनबे के बाद हाईकोर्ट के 3 अप्रैल को होने वाली बैठक में लाये जा रहे अविश्वास प्रस्ताव के परिणाम को निष्प्रभावी माना जायेगा ।