कन्यापूजन का शुभ मुहूर्त-:
30 सितंबर को यदि अष्टमी तिथि की बात करें तो इस दिन 29 घड़ी 55 पल अर्थात शाम 6:06 बजे तक अष्टमी तिथि रहेगी। इस दिन 22 पल अर्थात प्रातः 6:17 बजे तक मूल नक्षत्र रहेगा तदुपरांत पूर्वाषाढ़ा नामक नक्षत्र उदय होगा। शोभन नामक योग 47 घड़ी 17 पल अर्थात मध्य रात्रि 1:03 बजे तक रहेगा। इस दिन चंद्र देव पूर्ण रुपेण धनु राशि में विराजमान रहेंगे।
कन्या पूजन का मुहूर्त-:
इस दिन यदि कन्या पूजन के मुहूर्त की बात करें तो कन्या पूजन अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:53 बजे से दोपहर 12:40 तक रहेगा। यह सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है इसके अतिरिक्त कन्या पूजन प्रातः से शाम तक किसी भी समय किया जा सकता है शिवाय राहुकाल के। इस दिन राहुकाल शाम 3:04 बजे से शाम 4:32 बजे तक रहेगा। राहुकाल में कन्या पूजन करना शुभ नहीं माना जाता है।
नवरात्रि में आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है।
अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद हैं। इसीलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा कहा गया है। 4 भुजाएं हैं और वाहन वृषभ है इसीलिए वृषारूढ़ा भी कहा गया है इनको।इनके ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा है तथा नीचे वाला हाथ त्रिशूल धारण किया हुआ है। ऊपर वाले बाँये हाथ में डमरू धारण कर रखा है और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है।इनकी पूरी मुद्रा बहुत शांत है। पति रूप में शिव को प्राप्त करने के लिए महागौरी ने कठोर तपस्या की थी। इसी वजह से इनका शरीर काला पड़ गया लेकिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर कांतिमय बना दिया। उनका रूप गौर वर्ण का हो गया। इसीलिए ये महागौरी कहलाईं।
ये अमोघ फलदायिनी हैं और इनकी पूजा से भक्तों के तमाम पाप धुल जाते हैं। पूर्वसंचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं। महागौरी का पूजनअर्चन, उपासना-आराधना कल्याणकारी है। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियां भी प्राप्त होती हैं।
मां महागौरी का मंत्र: ॐ देवी महागौर्यै नमः
ध्यान मंत्रः-
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
मां महागौरी की आरती करने से मां की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आलेख -:
आचार्य पंडित प्रकाश जोशी गेठिया नैनीताल