नैनीताल नगर पालिका परिषद ने कैंट बोर्ड द्वारा शुल्क वसूली को बताया अवैध, पत्र वापस लेने की मांग

नैनीताल ।
नगर पालिका परिषद, नैनीताल ने कैंट बोर्ड के उस पत्र का कड़ा विरोध किया है जिसमें कैंट क्षेत्र से होकर चिड़ियाघर जाने वाले पर्यटकों के वाहनों पर ‘कैंटोनमेंट सस्टेनेबिलिटी एंड बेटरमेंट फीस’ वसूलने की बात कही गई थी। परिषद ने इसे न केवल अवैध बल्कि न्यायालय के आदेश और रक्षा मंत्रालय के निर्देशों के विरुद्ध बताया है।

नगर पालिका परिषद द्वारा कैंट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजे गए पत्र (संख्या 594/XV-18, दिनांक 02-06-2025) में स्पष्ट किया गया है कि 27 मई 2025 को जारी किए गए आपके पत्र संख्या 159/कार पार्किंग/सी में जो आरोप लगाए गए हैं—कि परिषद के अधिकारियों ने 30 अप्रैल 2025 को हुई एक बैठक में चिड़ियाघर शटल शुल्क का 1/3 हिस्सा देने की बात स्वीकार की थी—वह पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।

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पत्र में कहा गया है कि परिषद के अधिकारियों ने न तो कोई एकतरफा रियायत दी है और न ही ऐसी कोई स्वीकृति प्रदान की है। यहां तक कि अगर ऐसी कोई चर्चा बैठक में हुई भी हो, तब भी बिना नगर पालिका परिषद की विधिवत बैठक और प्रस्ताव पारित हुए कोई निर्णय परिषद पर बाध्यकारी नहीं हो सकता।

इसके अतिरिक्त, परिषद ने कहा है कि जिस सड़क का प्रयोग पर्यटक कर रहे हैं, वह राज्य सरकार के अधीन है और उस पर निर्माण कार्य, साफ-सफाई और प्रकाश व्यवस्था का प्रबंध पूरी तरह से नगर पालिका परिषद द्वारा किया गया है, न कि कैंट बोर्ड द्वारा। अतः केवल इसलिए कि मार्ग का एक छोटा भाग कैंट क्षेत्र में आता है, कैंट बोर्ड किसी भी प्रकार की शुल्क वसूली नहीं कर सकता।

नगर पालिका परिषद ने यह भी उल्लेख किया कि रक्षा मंत्रालय ने अपने सर्कुलर संख्या 3961/2016-D(Q&C), दिनांक 07-01-2022 द्वारा सभी कैंटोनमेंट बोर्डों को वाहन प्रवेश शुल्क (VEF) वसूलना तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। परिषद ने उक्त सर्कुलर को पत्र के साथ संलग्न करते हुए कैंट बोर्ड को उसकी प्रति भी भेजी है।

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साथ ही, उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा “अजय गोयल बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य” (AIR 2011 Utt 57 (FB)) में पारित पूर्णपीठ निर्णय का हवाला देते हुए भी नगर पालिका परिषद ने कहा कि उक्त निर्णय में स्पष्ट रूप से कैंट बोर्ड को वाहन प्रवेश शुल्क वसूलने से रोका गया है।

नगर पालिका परिषद ने कैंट बोर्ड से तत्काल प्रभाव से पत्र संख्या 159/कार पार्किंग/सी दिनांक 27-05-2025 को रद्द करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि परिषद उक्त शुल्क को वैधानिक और न्यायिक दृष्टिकोण से अवैध मानती है।

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