नैनीताल । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं उत्तराखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश/ सह कार्यपालक अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के आदेशानुपालन में उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, नैनीताल एवं समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के द्वारा शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया । जिसके तहत उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय सहित सभी के न्यायालयों, पारिवारिक न्यायालयों एवं वाह्य न्यायालयों एवं राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, देहरादून में कुल 127 खण्डपीठ गठित हुए और आज राष्ट्रीय लोक अदालत में उत्तराखंड राज्य गठन के बाद सर्वाधिक वादों के निस्तारण का रिकॉर्ड बना ।
उत्तराखंड में राष्ट्रीय लोक अदालत में 28348 वादों का निस्तारण कर 96.10 करोड़ की समझौता धनराशि तय की गई ।
उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के सदस्य सचिव प्रदीप मणि त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि हाईकोर्ट में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु 02 खण्डपीठ गठित की गयी थी। जिसमें न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्ड पीठ के द्वारा कुल 45 वादों का निस्तारण कर 1.97 करोड़ की समझौता राशि तय की ।
उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा जिले में 117,बागेश्वर में 142,चमोली में 71,चंपावत में 351,देहरादून में 6078,नैनीताल में 1741,पौढ़ी में 643,पिथौरागढ़ में 243,रुद्रप्रयाग में 60,टिहरी गढ़वाल में 367,उधमसिंहनगर में 5709,उत्तरकाशी में 80 वादों का निस्तारण हुआ ।
इसके अलावा राज्य में कुल 11210 प्री–लिटिगेशन वाद निस्तारित हुए । जबकि उपभोक्ता न्यायालयों ने 54 वादों का निस्तारण किया ।