अवमानना याचिका दायर करने की तैयारी ।
नैनीताल । उपनल संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से हाईकोर्ट द्वारा 6 वर्ष पूर्व दिए गए निर्देशों का पालन कर उपनल कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है ।
बुधवार को नैनीताल क्लब में पत्रकारों से वार्ता में उपनल कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि
वर्ष 2018 में उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा कुन्दन सिंह के पत्र को जनहित याचिका मानकर एक ऐतिहासिक निर्णय दिया गया जिसमें कहा गया कि उपनल का वास्तिविक सेवायोजक राज्य सरकार है । इसलिये उपनल के माध्यम से नियोजित कर्मचारियों के वेतन से जीएसटी की कटौती को अवैध मानते हुए सभी उपनल कर्मचारियों को प्रचलित नियमों के तहत नियमितकरण करने का आदेश राज्य सरकार को दिया व नियमितिकरण तक नियमित कर्मचारी की भाँति न्यूनतम वेतनमान व डीए का भुगतान करने का आदेश दिया । परन्तु राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी । सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका निरस्त कर दी गयी। इसके अलावा वर्ष 2016 में स्वयं शासन द्वारा शासनादेश जारी कर उपनल के द्वारा नियोजित कार्मिकों द्वारा धारित पदों को सीधी भर्ती के पदों को भरे जाने पर प्रतिबन्ध लगाया गया व ऐसी दशा में कार्मिक विभाग की पुर्वानुमति आवश्यक मानी गयी । परन्तु स्वयं शासन द्वारा शासनादेशों की अवेहलना कर सीधी भर्ती की कार्यवाही की गयी और ऐसी भर्ती के फलस्वरूप 10 वर्षों से भी अधिक वर्षों से कार्यरत कई उपनल कर्मचारियों को सीधी भर्ती हेतु अधिकतम आयु सीमा को पार कर चुके थे को सेवा से हटा दिया गया।
उन्होंने मुख्यमंत्री व शासन से मांग की की न्यायालयों के आदेशों का सम्मान कर उपनल के माध्यम से नियोजित समस्त कर्मियों को नियमित कर्मचारी घोषित करने के साथ-साथ नियमित वेतनमान व महंगाई भत्ता व अन्य लाभ दिया जाय । उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा दिए गए निर्णय 12 नवम्बर 2018 से लेकर आज तक जितने भी उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को सेवा से हटाया गया है उन्हें सेवा में पुर्नस्थापित कर नियमितकरण व अन्य लाभ दिए जाएं तथा करोनोकाल में जिन उपनल कर्मचारियों की मृत्यु हो गयी उनके परिवार के सदस्यों को नियमित रोजगार दिया जाय । उन्होंने समस्त कर्मचारियों के नियमीतिकरण करने तक उपनल के द्वारा नियोजित कर्मचारियों के द्वारा धारित पदों पर किसी प्रकार से कोई सीधी भर्ती से नियमित नियुक्ति न करने व इस तरह की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। कहा कि संघ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर करेगा ।
प्रेस वार्ता में हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एम०सी० पन्त, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुर्गा सिंह मेहता, रमेश शर्मा प्रदेश अध्यक्ष, प्रमोद गुसाई प्रान्तीय महामंत्री, मनोज जोशी सलाहकार, मनोज गड़कोटी प्रदेश प्रवक्ता, पूरन भट्ट वरिष्ठ उपाध्यक्ष, गणेश गोस्वामी संरक्षक, तेजा बिष्ट प्रदेश कोषाध्यक्ष, विनोद सिंह बिष्ट, योगेश भाटिया, अनिल कोटियाल, देवेन्द्र रतूड़ी, राकेश जोशी आदि मौजूद थे।