नैनीताल । शासन द्वारा निवर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका दायर हुई है ।
याचिका की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खण्डपीठ ने मामले की अगली सुनवाई हेतु 6 जनवरी 2025 की तिथि नियत की है ।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब देने के आदेश दिए हैं।
मामले के अनुसार पूर्व ग्राम प्रधान विजय तिवारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पहले राज्य सरकार ने जिला पंचायतों में निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त किया और अब ग्राम पंचायतों चुनाव कराने के बजाय निवर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करके उन्हें वित्तीय अधिकार दे दिए गए हैं। जबकि ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हुए काफी वक्त बीत गया है। लेकिन सरकार ने अभी तक चुनाव नहीं कराए।
ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने पर वे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए ग्राम पंचायतों का शीघ्र चुनाव कराया जाय। सर्वोच्च न्यायलय के कई निर्णय ऐसे हैं जिनमें कहा गया है कि प्रशासक तभी नियुक्त किया जा सकता है जब ग्राम सभा को किन्ही कारणों से भंग कर दिया गया हो। भंग करने के बाद भी वहाँ छः माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है। छः माह से अधिक प्रशासक का कार्यकाल नहीं हो सकता। जबकि उत्तराखंड में इसका उलटा हो रहा है। निर्वाचित पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है । अब सरकार निवर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त कर रही है। इससे प्रतीत होता है कि राज्य सरकार अभी चुनाव कराने की स्थिति में नहीं है। क्योंकि अभी वोटर लिस्ट और आरक्षण तय करने सम्बन्धी कई कार्य चुनाव आयोग को करने होंगे। इसलिए ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त न कर ग्राम पंचायतों का चुनाव भी शीघ्र कराया जाय।