पिछले अक्टूबर से बारीश न होने से पहाड़ भयंकर सूखे की चपेट में है। गेहूं, मसूर, लाही तो जमे ही नहीं ।
सब्जी, फल पट्टी रामगढ़, धारी में मटर, आलू की जो फसल जनवरी फरवरी में बोई जाती है इस बार जमीन में नमी नहीं होने के कारण जमीं ही नहीं और पूरी फसल बर्बाद हो चुकी है ।
फलदार वृक्षों पर फूल भी गर्मी की बजह से जल्दी फूल आ गये । नमी नहीं होने के कारण उस पर दाना कैसे बढेगा एवं कई पेड़ अब सूखने के कगार पर हैं ।
जिन लोगों ने नये फलदार पेड़ लगाये हैं वो शायद ही जीवित रह पायेंगे । जमीन पूरी तरह सूख चुकी है ।
विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले पहाड़ में पेयजल किल्लत पहले से ही थी अब कई जलश्रोत दम तोड़ रहे हैं जिससे बडा़ संकट पेयजल का हो चुका है । इन इलाकों में 100प्रतिशत सूखा हो चुका है । इसलिये
सरकार को इस पर गहन सर्वे कर जल्द ही किसान की मदद करनी चाहिए ।
इस पर आश्रित किसान के लिए जीवन यापन का बडा़ संकट आ चुका है । आढती /बनियों से किसान बीज लेता है अब फसल उगी ही नहीं तो उसका ऋण कैसे चुकायेगा ।
किसान – तारा दत्त तिवारी
हरतोला, रामगढ़ नैनीताल ।