उत्तराखंड हाई कोर्ट ने प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड के पद से हटाए गए प्रदेश के वरिष्ठतम आई एफ एस अधिकारी राजीव भरतरी के स्थान्तरण के मामले पर सुनवाई की । मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई शुक्रवार की तिथि नियत की है। आज मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई।
अपनी याचिका में आई एफ एस अधिकारी राजीव भरतरी ने कहा है कि वे राज्य के सबसे सीनियर भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं । किंतु सरकार ने 25 नवम्बर 2021 को उनका स्थान्तरण प्रमुख वन संरक्षक पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के पद पर कर दिया था। जिसको उन्होंने संविधान के खिलाफ मानते हुए उन्होंने सरकार को चार प्रत्यावेदन दिए । लेकिन सरकार ने इन प्रत्यावेदनों की सुनवाई नहीं की । राजीव भरतरी ने कहा कि उनका स्थान्तरण राजनीतिक कारणों से किया गया है जिसमें उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है । उल्लेखनीय है कि पी सी सी एफ राजीव भरतरी के स्थान्तरण के पीछे एक मुख्य कारण कॉर्बेट नेशनल पार्क के भीतर हो रहे अवैध निर्माण व इन निर्माणों की राजीव भरतरी द्वारा की जा रही जांच को प्रभावित करना भी माना जा रहा था । आरोप है कि तब तत्कालीन वन मंत्री एक अधिकारी के समर्थन में राजीव भरतरी को पी सी सी एफ पद व कार्बेट पार्क में हो रहे निर्माण कार्यों की जांच से हटाना चाहते थे ।