नैनीताल । राज्य आंदोलनकारी मंच देहरादून,राज्य आंदोलनकारी मोर्चा कोटद्वार व राज्य आंदोलनकारी विधिक संगठन की एक अहम बैठक इसी माह देहरादून में बुलाई जा रही है । इस बैठक में पूर्व न्यायाधीश व पूर्व मुख्यमन्त्री विजय बहुगुणा को विशेष रूप से बुलाया जा रहा है । बैठक में मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाने हेतु न्यायिक लड़ाई को मजबूती से लड़ने व राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की बहाली पर चर्चा होगी ।
   राज्य आंदोलनकारी विधिक संगठन के अध्यक्ष व हाईकोर्ट के अधिवक्ता रमन शाह ने बताया कि उक्त तीनों संगठनों के पदाधिकारियों की सहमति के बाद देहरादून में इसी माह संयुक्त बैठक करने का निर्णय लिया गया । तय हुआ कि बैठक में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की हैसियत से पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को बैठक में आमंत्रित किया जाएगा और उनसे मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाने व राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर राय शुमारी की जाएगी ।
   रमन शाह ने बताया कि उत्तराखण्ड सरकार ने अगस्त 2004 में राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश जारी किया था । लेकिन यह शासनादेश हाईकोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए 2018 में निरस्त कर दिया । इससे पूर्व 2015 में कांग्रेस सरकार ने विधान सभा में विधेयक पास कर आंदोलनकारियों को 10 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक पास किया और  इस विधेयक को राज्यपाल के हस्ताक्षरों के लिये भेजा । किन्तु राजभवन से यह विधेयक वापस नहीं आया ।
 दूसरी ओर हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य आंदोलनकारी कोटे से सरकारी नौकरी पाए लोगों की नौकरी को खतरे में देखते हुए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के उस आदेश में मोडिफिकेशन हेतु प्रार्थना पत्र दिया है । सरकार इन आंदोलनकारियों सेवा में बनाये रखने की कोर्ट से अनुमति मांग रही है । जबकि आंदोलनकारी संगठन सभी आंदोलनकारियों को यह सुविधा देने हेतु एक्ट की मांग कर रही है और उन्होंने सरकार की मोडिफिकेशन एप्लीकेशन पर हाईकोर्ट में आपत्ति दर्ज की है । हालांकि यह मामला सुनवाई के लिये पंजीकृत नहीं हुआ है
                                                     
                     

