नैनीताल । एकीकृत बीएड विभाग कुमाऊं विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस दिवस के अवसर पर छात्राओं व छात्रों के द्वारा नारी पर होने वाले शोषण एवं दमन का रेखांकन लघु नाटकों के माध्यम से रंगारंग प्रस्तुतियां दी।
नाटकों में नारी के विविध स्वरूपों का मंचन करते हुए, उसका संसार के लिए उसके योगदान को प्रतिबिंबित किया । वहीं दूसरी ओर नारी को समाज और उसकी शक्ति का मूल आधार बताया यथा – शास्त्र सम्मत वाणी में नारी वैभव को समझाया कि” यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता ” के माध्यम से नारीशक्ति को देवताओं के लिए भी आदरणीय बताया ।नाट्य मंचीयता की दृष्टि से सभी छात्राओं व छात्रों ने अपने -अपने थीम के आधार पर पात्रानुकूल विषय वस्तु का सजीव व मार्मिक अभिनय किया । प्रत्येक चरित्र ने देश-काल, वातावरण व संवाद कौशल की दृष्टि से सामाजिक यथार्थ को बखूबी अभिनीत किया ; साथ ही नारी समाज के प्रति पुरुषवादी मानसिकता के बढ़ते हुए हस्तक्षेप के विरुद्ध समतामूलक समाज समाज की परिकल्पना को लोगों के मन व भावनाओं में पिरोने का अनथक प्रयास किया । यह समारोह में शिक्षा संकाय के आदरणीय संकायाध्यक्ष प्रो. अतुल जोशी की अध्यक्षता व विभागाध्यक्ष डॉ अशोक उप्रेती एवं विभाग के प्राध्यापकों की उपस्थिति में संपन्न कराया गया । कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुतियां, सुन्दर लाल बहुगुणा सदन, इंद्रमणि बड़ोनी सदन,गौरा देवी सदन , सुमित्रानंदन पंत सदन, बछेन्द्रीपाल सदन, गोविंद बल्लभ पंत सदन की छात्राओं व छात्रों ने बहुत ही मनोरंजक और मार्मिक अभिनय किया , इस अवसर पर संकायाध्यक्ष शिक्षा प्रो अतुल जोशी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में छात्राओं व छात्रों के साथ शिक्षकों की प्रसंशा करते हुए ‘नारीप्रथम ‘ के संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध रहने का आह्वान किया उन्होंने बताया कि नारी मानव समाज का उद्गम है, प्रत्येक स्त्री-पुरुष उसके आंचल में ही पनाह लेकर पैदा होते हैं, उसके पलते हैं इसलिए उनके प्रति पुरुष वर्ग को कृतज्ञ होना चाहिए, उन्होंने समस्त नारी जगत का अभिवादन करते हुए उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की और प्रगति पथ बढ़ते रहने शुभेच्छा प्रकट की , तथा विभागाध्यक्ष डॉ अशोक उप्रेती व उपस्थित शिक्षकों ने भी हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए समस्त नारी समाज के लिए मंगलमय कामना की ओर समाज को प्रगतिशील बनाने के प्रति उनके योगदान का स्मरण किया ।