नैनीताल । बैंक ऑफ बड़ौदा के निदेशक मंडल द्वारा नैनीताल बैंक लिमिटेड में अपने शेयर( हिस्सेदारी) के विनिवेश (बेचने) को पिछले दिनों दी गई मंजूरी से नैनीताल बैंक स्टॉफ में भारी रोष व्याप्त है । बैंक ऑफ बड़ौदा के पास वर्तमान में नैनीताल बैंक की कुल इक्विटी शेयर पूंजी का 98.57 प्रतिशत हिस्सा है । बाकी की 1.73 प्रतिशत हिस्सेदारी पब्लिक के पास है ।
बैंक ऑफ बड़ौदा के निदेशक मंडल के निर्णय के खिलाफ ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स एसोशिएशन के बैनर तले शुक्रवार को नैनीताल बैंक स्टाफ ने बैंक मुख्यालय के बाहर सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की । नैनीताल बैंक स्टाफ एसोशिएशन का आरोप है कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने नैनीताल बैंक के एक हजार से अधिक कार्मिकों को विश्वास में लिए बिना अपने शेयर बेचने का फैसला किया है । जो कि गलत है । इसलिये बैंक ऑफ बड़ौदा या तो नैनीताल बैंक के कार्मिकों को बैंक ऑफ बड़ौदा में समायोजित करे या फिर वर्तमान स्थिति में ही बैंक को चलने दे ।
ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स एसोशिएशन के उत्तराखण्ड महामंत्री शैलेन्द्र राजपाल ने सांकेतिक धरना प्रदर्शन के दौरान कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा को संसदीय समिति की 2018 की सिफारिश को लागू करना चाहिए । हम किसी भी प्रकार के विनिवेश को स्वीकार नहीं करेंगे । उन्होंने नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय की मांग की । साथ ही कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबन्धन उनकी मांगों के संदर्भ में चार दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करे । अन्यथा नैनीताल बैंक ऑफीसर्स स्टाफ एसोशिएशन व ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स एसोशिएशन इस आंदोलन को तेज करेगा । उन्होंने बताया कि आज हुए सांकेतिक धरना प्रदर्शन में नैनीताल बैंक के पांच राज्यों में स्थित शाखाओं के 150 पदाधिकारी व सदस्य नैनीताल मुख्यालय पहुंचे थे । जिसमें सुमित तिवारी,हेम जोशी,शैलेन्द्र वर्मा,निशा कामथ,दीपक बिष्ट,किशोर शुक्ला,राकेश नौडियाल,सागर बेलवाल,राशिद सिद्दीकी,दीपक सनवाल,प्रखर पाटनी, पुनीत बिष्ट,शैलेन्द्र रावत,संजय जोशी,अखिलेश,पारस सहित कई अन्य कर्मचारी,अधिकारी नेता मौजूद थे ।

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इस दौरान आंदोलित कर्मचारियों से वार्ता के लिये नैनीताल बैंक के प्रबंध निदेशक व सी ई ओ निखिल मोहन धरना स्थल पर आए । उन्होंने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा के निदेशक मंडल ने नैनीताल बैंक में अपने शेयर कम करने की इच्छा जाहिर की है । इसका आशय बैंक को बेचने से नहीं है । यदि कोई संस्था या व्यक्ति अपने शेयर बेचना चाह रहा है तो उसे कैसे रोका जा सकता है । यदि कोई शेयर खरीदना चाहे तो खरीद सकता है । इस हेतु आवेदन करना होगा । यह अभी पहली सीढ़ी है और रिजर्व बैंक की मंजूरी तक इसमें लम्बा प्रोसेस है । उन्होंने नैनीताल बैंक स्टाफ एसोशिएशन से इस बारे में अपना मांग पत्र देने को कहा है । ताकि उस बारे में बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधन से स्थिति स्पष्ट कराई जा सके । उन्होंने बैंक कर्मियों से आंदोलन के नाम पर नियम कानूनों का उल्लंघन न करने का आग्रह किया है । उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को किसी तरह घबराने की जरूरत नहीं है ।

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नैनीताल बैंक के प्रबन्ध निदेशक व सी ई ओ निखिल मोहन ने पत्रकारों के समक्ष समाचार पत्रों में छप रही खबरों पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि कतिपय अखबारों में “नैनीताल बैंक को बेचने की साजिश” जैसे शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है, जो कि गलत है । क्योंकि यह मुद्दा बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा नैनीताल बैंक के अपने कुछ शेयर बेचने का है ।
नैनीताल बैंक ऑफीसर्स,इम्पलाइज एसोसियशन के वरिष्ठ नेता प्रवीण साह ने भी नैनीताल बैंक कर्मियों के हितों के सम्बंध में नैनीताल बैंक के प्रबंध निदेशक व सी ई ओ से वार्ता की ।

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