नैनीताल । अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच की मांग को लेकर संघर्षरत पत्रकार आशुतोष नेगी को पौड़ी पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने की उत्तराखंड महिला मंच नैनीताल कड़े शब्दों में निंदा की है।
महिला मंच की ओर से माया चिलवाल द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि जब से अंकिता हत्याकांड हुआ है तब से ही पत्रकार आशुतोष नेगी जो कि स्वयं भी अंकिता के गाँव के ही हैं, लगातार अंकिता के माता-पिता के साथ न्याय की इस लड़ाई में उनके साथ हैं। उन्होंने जब से हाइकोर्ट में इस मुद्दे को लेकर रिट दायर की थी तब से ही उन पर इस तरह के व्यक्तिगत आरोप लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में श्रीनगर में चल रहे धरने को जो जन समर्थन मिल रहा है उससे शासन-प्रशासन जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के कृत्य कर रहा है जबकि इस समय शासन-प्रशासन को इस कांड से जुड़े आरोपियों की जांच करनी चाहिए।
महिला मंच का मानना है कि यह शासन द्वारा आमजन की न्याय के पक्ष में उठने वाली आवाज को दबाने की कोशिश है। अंकिता के माता पिता के साथ शुरू से इस लड़ाई को लड़ रहे पत्रकार आशुतोष नेगी को गिरफ़्तार कर शासन प्रशासन अंकिता केस को कमजोर कर अपने लोगो को बचाने का प्रयास कर रहा है। उत्तराखंड महिला मंच ने सरकार से पत्रकार आशुतोष नेगी को तत्काल रिहा करने की मांग की है ।