नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते मानव वन्य जीव संघर्ष व तेंदुओं के हमले से प्रतिवर्ष कई लोगों के हताहत होने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। यह याचिका देहरादून की समाजसेवी अनु पंत की ओर से दायर की गई है। इस मामले की बीते शनिवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों में मानव-वन्य जीवों का संघर्ष बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के कई जिले इससे प्रभावित हो रहे है। आये दिन लोग इन जंगली जानवरों के शिकार हो रहे हैं । खासकर तेंदुए के हमले बढ़ते जा रहे हैं। लगभग प्रत्येक वर्ष औसतन 60 लोग तेंदुओं के हमले में मारे जाते हैं।
पर्वतीय जिलों में सन् 2020 मेें तेंदुए के हमले में 30 लोग मारे गये थे जबकि 85 लोग घायल हुए थे। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया है कि इससे पहाड़ों में पलायन भी बढ़ रहा है। पलायन आयोग ने भी माना है कि सन् 2016 में 6 प्रतिशत लोग पलायन को मजबूर हुए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गयी है कि एक कमेटी का गठन किया जाय और कमेटी इसका अध्ययन कर इस मामले का समाधान निकाले। साथ ही आवासीय क्षेत्रों व जंगलों के बीच में तारबाड़ लगायी जाये। कैमरा टेपिंग व तेंदुओं पर रेडियो कॉलर लगाए जायें। सरकार एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करे। जिससे आपात स्थिति से निपटने में सहयोग मिल सके।