न्यायालय द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह की न्यायालय द्वारा अभियुक्त महेन्द्र सिंह विरोडिया को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी ठहराते हुए उसे सजा सुनाने हेतु 6 अप्रैल की तिथि तय की है । मामले के अनुसार महेन्द्र सिंह बिष्ट निवासी ग्राम सिरौड़ी थाना भवाली, जिला नैनीताल ने 23 मई 2019 को कोतवाली भवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी बहन किरन की शादी अभियुक्त महेन्द्र सिंह बिरोडिया, निवासी पूना कोट पट्टी पेटशाल, जिला अल्मोड़ा के साथ हुई थी । 22 मई 2019 को प्रार्थी को सूचना मिली कि उसकी बहन किरन का शव हैजरी के पास भवाली जाने वाले पैदल मार्ग पर पड़ा है। इस सूचना पर वह घटनास्थल पर आया और देखा कि उसकी बहन किरन मरी पड़ी थी। उसकी बहन की पहले शादी करन सिंह मतोलिया कपकोट जिला बागेश्वर के साथ हुई थी, लेकिन पारिवारिक कलह के कारण उसने अपने पूर्व पति करन सिंह को तलाक दे दिया था और वह अल्मोड़ा में रहने लगी, जहां उसकी मुलाकात महेन्द्र सिंह बिरोड़िया से हुई और उनके द्वारा आपस में चितई मंदिर में दूसरी शादी करने के उपरान्त भवाली दुगई स्टेट में किराये के मकान में रहने लगे। प्रार्थी को पूर्ण विश्वास है कि उसकी बहन किरन की हत्या उसके पति महेन्द्र सिंह बिरोड़िया ने ही की है, क्योंकि उसकी बहन जब भी मायके आती थी तो वह मां को बताती थी कि उसका पति महेन्द्र सिंह बिरोड़िया उसे अक्सर मार पीटकर कर गाली गलौज करता है।
अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी नैनीताल सुशील कुमार शर्मा ने 8 गवाहों को परीक्षित कराया गया। मामले में अभियुक्त को दोष सिद्ध करने हेतु डी.एन.ए. रिपोर्ट का अहम साक्ष्य रहा।
अपने निर्णय में न्यायालय द्वारा अभियोजन साक्ष्य एवं डी.एन.ए. रिपोर्ट के आधार पर स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अभियुक्त और मृतका पति पत्नी के रूप में थे। अभियुक्त की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त आलाकतल पत्थर को बरामद किया गया तथा अभियुक्त द्वारा घटना के समय पहने अपने कपड़े खूनआलूदा अपने घर से बरामद कराये थे। मौके पर जो रक्त पाया गया वहीं रक्त अभियुका के कपड़ों में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में पाया गया। पोस्टमार्टम के समय मृतका के बाल के गुच्छे खून आलूदा मिट्टी व अभियुक्त के कपड़े एवं बाल को डी एन ए मिलान हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया। अभियुक्त द्वारा बरामद कराये गए कपड़े से जो रक्त प्राप्त हुआ है, उसका मिलान मृतका के डी०एन०ए० मिला। डी०एन०ए० रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है। अंतिम अवसर के सिद्धांत के साथ-साथ अभियुक्त के निशानदेही पर बरामद घटना में प्रयुक्त अभियुक्त के कपड़े से प्राप्त खून के धब्बे से मृतका को डी०एन०ए० का मिलान परिस्थितिजन्य साक्ष्य को पूर्ण बनाता है। इन तथ्यों के बाद कोर्ट ने आरोपी को हत्या का दोषी ठहराया है । जिसे 6 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी ।