नैनीताल । डी एस बी परिसर,नैनीताल के सभागार में शनिवार को वनाग्नि सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम सेमिनार का आयोजन किया गया के।
प्राकृतिक संपदा को यूं न गवाएं ,वनों को आग से बचाएं, वनों को आग से बचाने में आप भीं सहयोगी बने थीम पर आधारित सेमिनार वन विभाग ,शोध एवम प्रसार निदेशालय कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल,राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल, के यू आई आई सी कुमाऊं विश्विद्यालय नैनीताल तथा कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) इग्नू डीएसबी द्वारा किया गया। जिसमे मुख्य वक्ता तथा मुख्य अतिथि के रूप में टी आर बीजू लाल प्रभागीय वन अधिकारी,नैनीताल वन प्रभाग थे । इस मौके पर डी एफ ओ बीजू लाल ने कहा कि जंगल को आग से बचाना उनकी प्राथमिकता है तथा वन विभाग पूरी तत्परता से यह कार्य करता है उन्होंने आग एवम पिरुल पर व्यापक चर्चा की। प्रो.ललित तिवारी निदेशक शोध एवम प्रसार निदेशालय ने कहा की जंगल के जलने से पारिस्थिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है ।डॉ. रजनी रावत वन प्रभाग द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया । वन क्षेत्राधिकारी ममता चंद ने मानव वाइल्डलाइफ कॉन्फ्लिक्ट पर विचार रखे । डॉ0 पांगती ने जंगली जानवरों को काबू में रखने के गुर बताए तथा जंगल और मानव के संतुलन को बताया । अतुल भगत ने जंगल में आग लगने के कारण बताए तथा ड्रोन कैमरे का प्रयोग दिखाया।आनद लाल ने प्रतिभागियों को वन्य प्राणियों के रेस्क्यू करने के प्रयासों तथा उत्तराखंड में रेस्क्यू सेंटर्स की जानकारी दी। विभागाध्यक्ष वन विज्ञान प्रो एल एस लोधियाल ने जंगल की आग से ग्लोबल प्रभाव तथा जलवायु परिवर्तन पर विचार रखे। अतिथियों का स्वागत डॉ0 सुषमा टम्टा निदेशक आईआईसी सेल तथा धन्यवाद डॉ.विजय कुमार , राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल ने किया । सेमिनार में प्रो हरीश बिष्ट परीक्षा नियंत्रक ,डॉ.नीलू लोधियाल, डॉ. आशीष तिवारी, डॉ.पैनी जोशी, डॉ.तेज प्रकाश, डॉ.ममता जोशी, डॉ.हर्ष चौहान, डॉ.संदीप मंडोली, डॉ.रुचि , डॉ.नवीन पांडे, डॉ. हेम पांडे, डॉ.आशुतोष, रेंजर ममता चंद तथा वन प्रभाग नैनीताल के अधिकारी एवम कर्मचारी के अलावा वसुंधरा, डॉ0 प्रभा, गीतांजलि, दिशा, हिमानी, कुंजिका, सौम्या, कविता, अर्चना, डॉ0 दीपक मेलकानी, ,पंकज भट्ट, डॉ0 शर्मा, डॉ0 मित्तल, निधि वर्मा, विशाल बिष्ट सहित शोधार्थी एवम केपी, एस आर के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।