नैनीताल। हाईकोर्ट ने अस्पताल में डाक्टर व स्टाफ के साथ मारपीट करने व सरकारी कार्य में बाधा पहंचाने के मामले में दायर समझौतानामा सहित याचिका को खारिज कर दिया है।
न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार टनकपुर जिला चंपावत निवासी भुवन व ऊधमसिंह नगर निवासी मो0 उमर ने हाइकोर्ट में समझाैता प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। लेकिन कोर्ट ने समझौता प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है।
बता दें कि डाक्टर मौहम्मद उमर ने 8 मार्च 2020 को एक टनकपुर थाने में तीन लोग दीपक, भुवन व रवि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कहा था कि शिकायतकर्ता डाक्टर मौहम्मद उमर संयुक्त अस्पताल टनकपुर में रात्रि कालिन डयूटी में था इस दौरान ये तीन लोग सात वर्ष के बच्चे को लेकर अस्पताल में लाए जिसके बाद बच्चे को देखा गया और दवाईयां दी गई। इस दौरान तीनों ने डाक्टर व स्टाफ के साथ तीनों लोगों ने किसी बात पर गाली गलौच शुरू कर दी व सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने लगे। आरोप था कि तीनों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन व जान से मारने की धमकी देने व तोडफोड करने लगे। वहां मौजूद पुलिस वालों के समझाने पर वो विधायक का नाम लेकर कहने लगे कि हम विधायक के आदमी है हम कुछ भी कर सकते हैं। जिसके बाद पुलिस ने इस प्रकरण पर 9 अप्रैल 2020 को चार्जशीट दाखिल कर दी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंपावत ने 13 मई 2020 को आरोपियों को कोर्ट में तलब करने का आदेश पारित कर दिया। जिसके खिलाफ़ याचिका कर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। इसी बीच याचिकाकर्ताओं व शिकायतकर्ता के बीच समझौतानामा कर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया । जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि डाक्टर व स्टाफ के साथ मारपीट करना व सरकारी कार्य में बांधा पहुचा रहे हैं। इस आधार पर याचिका को खारिज कर दिया। जिसके बाद अब आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही जारी रहेगी ।