नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में पंतनगर विश्व विद्यालय के उन प्रोफेसरों को बड़ी राहत दी है जिन्हें कृषि सचिव द्वारा जारी आदेश के तहत गैर शिक्षक मानते हुए 4 जुलाई 2023 को 60 साल की उम्र पूरी करने पर सेवानिवृत्त कर दिया था । मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायाधीश न्यामूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हुई ।
राज्य सरकार व पंतनगर विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा याचियों को गैर शिक्षक मानते हुए 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त करने के आदेश को डॉ. विनोद कुमार व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि उनकी नियुक्ति 22 अक्टूबर 2007 को पंतनगर विश्व विद्यालय में सीनियर स्टेटिशियन/सीनियर रिसर्च ऑफिसर के पद पर हुई और 20 अप्रैल 2015 में उन्हें प्रोफेसर पद पर पदोन्नति मिली । नियमों के मुताबि विश्व विद्यालय के प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है जबकि अन्य कार्मिकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है । सरकार ने 2023 में एक आदेश जारी कर उन्हें गैर शिक्षक मानते हुए जुलाई 2023 में 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त कर दिया ।
याचिकाकर्ता के अनुसार उनकी नियुक्ति रोजगार नोटिस में दी गई शर्त के अनुसार हुई और शुरू से ही एसोसिएट प्रोफेसर के पद के लिए स्वीकार्य वेतनमान दिया गया था । और बाद में प्रोफेसर के रूप में पदोन्नत किया गया था।
इस मामले में सभी पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता विश्वविद्यालय का शिक्षक है और उसे एक शिक्षक के सभी लाभ दिए गए थे। इस प्रकार, इस न्यायालय को यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि राज्य सरकार द्वारा पारित आदेश, जिसके तहत याचिकाकर्ता की स्थिति बदल दी गई थी और उसे गैर-शिक्षण कर्मचारियों का सदस्य घोषित किया गया था । यह आदेश मनमाना और अवैध है, जिसे बरकरार नहीं रखा जा सकता है। कोर्ट ने उसे रदद् करते हुए पंतनगर विश्व विद्यालय प्रशासन से याचियों को समस्त लाभों सहित तुरन्त बहाल करने को कहा है ।