नैनीताल । उत्तराखण्ड बार कौंसिल के नए अध्यक्ष मनमोहन लाम्बा ने नैनीताल से बार कौंसिल ऑफिस शिफ्ट करने के लिये एक साल का समय तय किया है । उन्होंने पदभार ग्रहण करते ही कहा कि वे अपने एक साल के कार्यकाल में बार कौंसिल नैनीताल से हल्द्वानी या अन्यत्र शिफ्ट कराएंगे । क्योंकि नैनीताल में बार कौंसिल ऑफिस के लिये वर्तमान में जो जगह है वह पर्याप्त नहीं है । यहां न फाइल रखने की जगह है और न ही कर्मचारियों के बैठने की ।
उन्होंने चार्ज लेते ही नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने के लिये रजिस्ट्रार जनरल को ज्ञापन दिया तथा कहा कि नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने के पक्ष में अधिसंख्य अधिवक्ता हैं ।
ज्ञापन में कहा है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल से अलग स्थान पर स्थानांतरित करने के संबंध में सभी नागरिकों की राय मांगी थी। उसी के अनुसरण में 31.10.2021 को एक प्रस्ताव बार कौंसिल ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय को जिले में एक सुविधाजनक स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए प्रस्ताव पास किया। जहां पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं, सुविधाजनक मौसम और भौगोलिक स्थिति और आवश्यक नागरिक सुविधाएं रेल और हवाई लिंक की उपलब्धता के साथ मौजूद हों।
इस संबंध में नैनीताल उच्च न्यायालय के नियमित अधिवक्ताओं ने सुझाव दिया कि माननीय उच्च न्यायालय को हल्द्वानी जिला-नैनीताल में स्थानांतरित कर दिया जाए। उत्तराखंड के अधिकतर अधिवक्ताओं का एक ही मत है।
उत्तराखंड के एक पहाड़ी इलाका है और यहां के अधिकांश निवासी आर्थिक रूप से संपन्न नहीं हैं। जबकि नैनीताल एक पर्यटन स्थल है। इस स्थान पर संचार करना, रहना और रहने के अन्य साधन बहुत महंगे हैं, फलस्वरूप, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई वादी न्याय के लिए उत्तराखंड के उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने में असमर्थ हैं। न्यायालय/अधिवक्ता/न्यायाधीश सभी वादियों के लिए हैं। उनका अस्तित्व है याचिकाकर्ताओं के बिना कोई मतलब नहीं है। याचिकाकर्ताओं का हित सर्वोपरि है ।
पूर्व में चीना पीक से भूस्खलन के कारण स्थानीय स्तर पर क्षति हुई है, जिससे लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। वर्तमान में स्थानीय बलियानाला भूस्खलन के गंभीर खतरे में है और नैनीताल क्षेत्र हमेशा के लिए खतरे में है ।
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के इस प्रस्ताव पर शीघ्र विचार करें और राज्य एवं आम आदमी के कल्याण को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय को स्थानांतरित करने के लिए कार्रवाई शुरू की जाए।
5. नैनीताल तीन पहाड़ों से घिरा हुआ है और भूकंपीय क्षेत्र IV में स्थित है। जो एक High Intensity Zoze है। नैनीताल के इतिहास में 18 सितंबर 1880 भयानक भूस्खलन हुआ था, जब 43 ब्रिटिश नागरिकों सहित 151 लोगों ने भूस्खलन के कारण अपनी जान गंवाई थी। यह उसी भूस्खलन का परिणाम था कि फ्लैट्स ग्राउंड बना था और झील का क्षेत्रफल कम हो गया था।
यहां परिवहन व्यवस्था पर्याप्त नहीं है और बहुत महंगी है ।
1. स्थानीय निवासियों का व्यवसाय और आजीविका पर्यटन पर निर्भर है। छोटी जगह होने के कारण यहां अत्यधिक भीड़भाड़ रहती है। 2. पार्किंग सुविधा के अभाव में पूरे शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है । इन तथ्यों को ध्यान में रखकर हाईकोर्ट को जिले में अन्यत्र शिफ्ट करने के प्रयास किये जायें ।