नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नैनीताल नगर पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी की “रिव्यू” याचिका खारिज कर दी है । जबकि अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल को अपना निलंबन समाप्त करने हेतु सक्षम अथॉरिटी के समक्ष प्रत्यावेदन देने को कहा है ।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की  स्पेशल बेंच में रिव्यू याचिका की सुनवाई में सरकार ने आज जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की । जिसमें कतिपय अनियमितताओं की पुष्टि हुई है । इसके अलावा दो दिन बाद 2 दिसम्बर को पालिकाध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो रहा है । इन तथ्यों के बाद कोर्ट ने रिव्यू याचिका खारिज कर दी । लेकिन ई ओ आलोक उनियाल को अपना निलंबन आदेश निरस्त कराने हेतु शासन के समक्ष प्रत्यावेदन देना होगा और सक्षम अथॉरिटी यदि उचित समझे तो निलंबन वापस ले सकती है ।
ज्ञात हो कि फ्लैट मैदान में नन्दा देवी महोत्सव के दौरान दुकानों व झूले संचालन के टेंडर के खिलाफ काशीपुर निवासी कृष्ण पाल भारद्वाज ने याचिका दायर कर इस टेंडर को नियमविरुद्ध बताया । मामले में ठेकेदार रमेश सजवाण को देहरादून के एक चार्टड अकाउंटेंट द्वारा जारी वार्षिक टर्न ओवर के प्रमाण पत्र पर भी सवाल उठाए गए हैं । इस याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने फ्लैट मैदान में झूलों के टेंडर आबंटन में प्रथम दृष्टया नियमों की अवहेलना होन पर पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी के अधिकार सीज करते हुए अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल को निलंबित कर दिया था । जिसके खिलाफ पालिकाध्यक्ष  व ई ओ ने अलग अलग रिव्यू याचिका दायर की थी।

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