देहरादून । उत्तराखंड राज्य में उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय विश्वविद्यालयों में लंबे समय से रिक्त चल रहे कर्मचारियों के विभिन्न पदों पर जून 2023 तक नियुक्ति करने हेतु उत्तराखंड शासन द्वारा विश्वविद्यालयों को जून 2023 की अंतिम तिथि निश्चित कर दी गई है। इस समयावधि में विश्वविद्यालय रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न करेंगे, इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों की पदोन्नति एवं विभिन्न प्रकरणों के निस्तारण हेतु शासन द्वारा विश्वविद्यालय को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

ज्ञात हो कि उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों में लंबे समय से कर्मचारियों के पद रिक्त चल रहे हैं जिसमें दून विश्वविद्यालय में विगत वर्ष 2021 में 65 पदों का विज्ञापन जारी किया गया जिनके सापेक्ष मात्र एक नियुक्ति की गई है बाकी सभी पद रिक्त चल रहे हैं, वर्तमान में इस विश्वविद्यालय में मात्र चार कर्मचारी नियमित है। जबकि शासन से सृजित पद लंबे समय से रिक्त हैं। वही श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में शासन द्वारा स्वीकृत कर्मचारियों के सभी रिक्त चल रहे हैं, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में 50 से अधिक पद रिक्त हैं तो कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में 30 पद तथा मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी में 25 से अधिक पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। शासन द्वारा पदों की स्वीकृति दिए जाने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन के स्तर से नियुक्ति करने हेतु कोई कार्यवाही संपन्न होने सहित अपनी 11 सूत्रीय मांगों के निस्तारण हेतु उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ द्वारा उत्तराखंड शासन के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जिसके निराकरण हेतु सचिव, उच्च शिक्षा द्वारा सभी विश्वविद्यालयों की बैठक आयोजित की गई थी जिसे विगत 16 जनवरी को अपर सचिव उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया जिसमें संगठन के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया। उक्त बैठक के जारी कार्यवृत में बताया गया है कि शासन द्वारा बैठक में सभी राजकीय विश्वविद्यालय से रिक्त पदों पर जून 2023 तक नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न करने का निर्देश दिया गया है जिस हेतु बैठक में सभी कुलसचिवों द्वारा सहमति दी गई है। इसके साथ ही संगठन की मांग के क्रम में कार्यरत कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु राजकीय कर्मचारियों की भांति स्टाफिंग पैटर्न के प्रस्ताव शासन को भेजने का भी निर्देश दिए गए, बैठक में इसके साथ ही एक समान पदों में एक समान व्यवस्था लागू करने पर सहमति जताई गई, साथ ही कुलसचिवों के वेतनमान निर्धारण व सहायक कुलसचिव के पद पर पदोन्नति का प्रस्ताव शासन को भेजे जाने, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड योजना लागू करने एवं नई शिक्षा नीति के दृष्टिगत कर्मचारियों को नए वित्तीय वर्ष से समयबद्ध प्रशिक्षण देने का भी बैठक में निर्णय लिया गया।

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शासन की इस पहल का स्वागत करते हुए संगठन के महामंत्री डॉ लक्ष्मण सिंह रौतेला ने बताया कि राज्य में नई शिक्षा नीति लागू होने के उपरांत विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर नई कार्य व्यवस्था के संचालन सहयोग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, साथ ही सभी विश्वविद्यालयों को डिजिटलाइज करने के शासकीय प्रयास तथा भारत सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की योजनाओं के क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की भूमिका लगातार बढ़ रही है। इस स्थिति में कर्मचारियों की कार्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु संगठन लंबे समय से रिक्त पदों को भरे जाने की मांग करता रहा है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को राजकीय कर्मचारियों कि भांति पदोन्नति एवं अन्य व्यवस्थाओं की मांग भी प्रमुख है। इस दिशा में शासन की पहल अच्छी है और आशा है कि विश्वविद्यालय इन निर्णयों का पालन करेंगे।
संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक कुमार सुंद्रियाल एवम् कार्यकारी महामंत्री प्रशांत मेहता ने भी निर्णय का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों की दशा को सुधारने की दिशा में शासकीय पहल के सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे, इस उन्होंने बताया कि जल्द ही संगठन विभागीय मंत्री जी से भी मिलेगा। इसके साथ ही राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी इस हेतु शासन स्तर से पहल किया जाना अपेक्षित है।

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