उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों द्वारा 9 अगस्त से उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में चल रहे आंदोलन के निस्तारण हेतु विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में आहूत बैठक में कर्मचारियों की विभिन्न मांगों जिसमें वेतन जारी न होना, पदोन्नतियां, स्थाईकरण, गोल्डन कार्ड जैसे कहीं मुद्दों पर सार्थक चर्चा की गई। महासंघ की पहल एवं सकारात्मक वार्ता के पश्चात उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ का आंदोलन स्थगित कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय देहरादून में विगत जून माह से वेतन जारी न होने तथा कर्मचारियों की विभिन्न जायज मांगों के निस्तारण हेतु उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर देहरादून एवं गुरुकुल एवं ऋषिकुल परिसर हरिद्वार में आंदोलन किया जा रहा था। जिसके निस्तारण हेतु घटक संघ के अनुरोध पर उत्तराखंड विद्यालय कर्मचारी महासंघ द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अरुण कुमार त्रिपाठी को इसके जल्द निस्तारण की मांग की गई थी, जिसके तहत शासन से 20 करोड़ धनराशि अवमुक्त होने की पश्चात कर्मचारियों को वेतन जारी किया गया वहीं अन्य मांगों के निस्तारण हेतु आहूत बैठक में निश्चित समयावधि का निर्धारण करते हुए मांगों की निस्तारण पर समझौता हुआ एवं वार्ता सकारात्मक रही। जिसके पश्चात कर्मचारियों द्वारा आंदोलन स्थगित कर दिया गया है। वार्ता में महासंघ के पदाधिकारियों के साथ आयुर्वेद विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के पदाधिकारी भी शामिल हुए।
इसके अतिरिक्त राज्य के विभिन्न राजकीय विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर महासंघ के पदाधिकारीयों ने उच्च शिक्षा एवं ससकृत शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत एवं उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगौली से भी मुलाकात की। जानकारी देते हुए महासंघ के मुख्य संरक्षक भूपाल सिंह करायत, अध्यक्ष कुलदीप सिंह एवं महामंत्री डॉ लक्ष्मण सिंह रौतेला ने बताया कि राजकीय विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की मांगों के निस्तारण हेतु पदाधिकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत से मुलाकात कि एवं संगठन के मांग पत्र के निस्तारण हेतु उच्च स्तरीय वार्ता का आयोजन किए जाने का अनुरोध किया गया, संगठन ने राज्य स्थानांतरण अधिनियम के विपरीत दून विश्वविद्यालय के कुलसचिव के 14 वर्ष से लगातार एक ही स्थान पर कार्य करने के प्रकरण पर कार्यवाही का भी अनुरोध किया, साथ ही संस्कृत विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा में शामिल करने हेतु भी चर्चा की गई। मुलाकात में उच्च शिक्षा मंत्री डा रावत द्वारा संगठन को सकारात्मक आश्वासन दिए गए।
इसके अतिरिक्त संगठन के पदाधिकारियों द्वारा उच्च शिक्षा एवं कार्मिक सचिव शैलेश बगौली से भी मुलाकात की गई जिसमें शासन स्तर पर विश्वविद्यालय कर्मचारियों के मांगों के निस्तारण हेतु हुई कार्यवाही का हवाला देते हुए त्वरित कार्रवाई का अनुरोध किया गया, जिस हेतु सचिव महोदय द्वारा जल्द एक बैठक के आयोजन का निर्देश अपने अधीनस्थों को दिया गया।
उक्त मुलाकातों में संगठन के मुख्य संरक्षक भूपाल सिंह करायत, अध्यक्ष कुलदीप सिंह, महामंत्री डॉ लक्ष्मण सिंह रौतेला, कार्यकारी अध्यक्ष दीपक सुंदरियाल, कार्यकारी महामंत्री प्रशांत मेहता शामिल हुए।