नैनीताल ।  21 अगस्त से 30 अगस्त तक चलने वाला मोस्ट एंटर प्राइसिंग नेवल यूनिट (मेनु) शिविर का सोमवार को कुलपति, कुमाऊं विश्वविध्यालय प्रो. दीवान सिंह रावत  द्वारा शुभारम्भ  किया गया। इस मेनु प्रशिक्षण शिविर में 25 बालिका कैडेट्स सहित कुल 60 कैडेट्स प्रतिभाग कर रहे हैं।
मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर डी एस रावत ने फ्लैग ऑफ़ कर इस 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रोफ़ेसर दीवान सिंह रावत ने कहा कि एनएसीसी के माध्यम से विद्यार्थियों में देशप्रेम और अनुशासन की भावना उत्पन्न होती है और उन्हें देश का बेहतर नागरिक बनने की दिशा में प्रोत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि वे ख़ुद का प्रयास है की कुमाऊँ विश्वविद्यालय में छात्र पढ़ाई के साथ साथ अन्य पाठ्येतर गतिविधियों जैसे एनसीसी, खेल-कूद और एनएसएस जैसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर सके और परीक्षा कार्यक्रम उनकी इन पाठ्येतर गतिविधियों में बाधक न बनें इसलिए उन्होंने एक समिति बनायी है जो इन पर चर्चा करेगी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में हुए एक माह पूर्ण कर चुके हैं और एक माह में उनके द्वारा ग्रीवंस पोर्टल प्रारंभ कर दिया गया है यदि किसी विद्यार्थी को कोई समस्या होती है तो वो पोर्टल माध्यम से अपनी समस्याएं सामने रख सकता है।
उन्होंने इस शिविर लिए कैडेट्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह शिविर कैडेट्स के लिए महत्वपूर्ण होगा जिसमें वे प्रत्येक चुनौती एक अवसर और प्रत्येक बाधा को सफलता की सीढ़ी समझे। उन्होंने कहा कि यह शिविर हमारे युवा कैडेट्स को नौकायन व पाल नौकायन से संबंधित कौशल हासिल करने, व्यक्तिगत विकास, टीम वर्क और नेतृत्व कौशल को बढ़ावा देने के लिए मंच प्रदान करेगा ।
इस अवसर पर कमांडिंग आफिसर कैप्टन चंद्रविजय नेगी तथा सीनियर कैडेट कैप्टेन किरन दानू ने प्रोफ़ेसर रावत का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत व अभिनंदन किया। कैप्टेन नेगी ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि जीवन में शिक्षकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है और भारतीय परंपरा में शिक्षकों की ईश्वर से ऊपर स्थान दिया गया है। प्रोफ़ेसर रावत जैसे प्रतिष्ठित शिक्षाविद के निर्देशन में कुमाऊं विश्वविद्यालय छात्रों को बेहतर नागरिक बनने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। उन्होंने कहा कि इस दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स दस दिनों की अवधि में कैडेट्स 280 किलोमीटर से अधिक की दूरी नौकायन व पाल नौकायन के माध्यम से पूरी करेंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में है एनसीसी की 3 व्हेलर्स नौकाओं तथा 2 एंटरप्राइस नौकाओं के माध्यम से इस लक्ष्य को पूर्ण किया जाएगा। इसके साथ साथ शिविर में विण्ड सर्फि़ंग और कयाकिंग प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। मेन्यू कैंप के दौरान ही विभिन्न सामाजिक जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे साथ ही ट्रैकिंग, बाधा प्रशिक्षण, रॉक क्लाइंबिंग तथा माउंटेनियरिंग जैसी साहसिक कार्यक्रमों को भी इस मेन्यू कैंप में शामिल किया गया है ।
इस मेन्यू प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए कुमाऊं विश्वविध्यालय नैनीताल के एनसीसी अधिकारी सब ले. डॉ रीतेश साह ने कहा कि प्रशिक्षण शिविरों का मूल उद्देश्य कैडेट्स को एक व्यवस्थित जीवन शैली से परिचित कराना है और कैडेट्स मैं सौहार्द, टीमवर्क, नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और श्रम की गरिमा को विकसित करने में मदद करना है। कैडेट्स को शिविर में संस्थागत प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को व्यवहारिक रूप में उतारना और उस पर कार्य करने का अवसर प्रदान करना होता है । उन्होंने कहा कि यह शिविर हमारे कैडेट्स को चुनौतियों को स्वीकार करने और एक आशाजनक भविष्य की नींव बनाने की लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।
इस अवसर भारतीय नौसेना के चीफ इंस्ट्रक्टर अंकुर यादव तथा प्रशिक्षक आर पी गुर्जर, मंजीत सिंह, धर्मबीर, रविंद्र गिरी, सुंदर सिंह धामी उपास्थित थे।
इसके अतिरिक्त गणेश सिंह नयाल, तोप बहादुर थापा, गोपाल, कमलेश बोरा, दीपक, उमेश पुजारा, उमेश राणा आदि द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम का संचालन कैडेट कैप्टेन भावना भौर्याल तथा पीओ कैडेट हिमांशु द्वारा किया गया।

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