तल्ली रीठागाड व मल्ली रीठागाड के मध्य रीमगांव में प्राचीन भगवती मंदिर स्थापित है।इस रीमागाडा भगवती मंदिर हर साल चार पांच गांवों की महिलाओं द्वारा दिवसीय महिला होली कार्यक्रम विधि विधान व सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मनाया जाता है।
होली महोत्सव के तहत सबसे पहले महिलाओं द्वारा भगवती मंदिर में होली की शुरुआत की जाती है। फिर अलग अलग गांवों में महिला होल्यारों होली गायन व सांस्कृतिक कार्यक्रम व स्वांग किये जाते हैं।
प्राचीन काल से अल्मोड़ा जिले के रीठागाड क्षेत्र को रंगीली रीठागाड के नाम जाना जाता है। रीमागाडा भगवती मंदिर में होली की तरह एक दिवसीय गंवरा देवी का मेला भी प्राचीन काल से होते आ रहा है।
स्वर्गीय मोहन सिंह रीठागाडी व स्वगीय प्रताप सिंह रीठागाडी इसी रीठागाड के लोकगायक व सुर सम्राट माने जाते थे।आज भी रीठागाड क्षेत्र के रीमागाडा भगवती मंदिर में 6 दिवसीय महिला होली कार्यक्रम परम्परागत विधि विधान से हो रहा है। 6 दिवसीय महिला होली महोत्सव के बाद सभी तीन चार गांव की महिलाओं द्वारा चंदा जमा कर भंडारा करने की भी प्रथा है। जिसमें सभी गांवों के लोगों व अन्य रिश्तेदारों को आमन्त्रित किया जाता है।इस होली के भंडारे का प्रसाद दूर दराज रह रहे रिश्तेदारों व अन्य जगहों को भेजा भी जाता है।
प्रताप सिंह नेगी क्षेत्र के समाजिक कार्यकर्ता ने बताया भगवती मंदिर में पूर्व में पुरषों द्वारा होली महोत्सव में रंगारंग कार्यक्रम किये जाते थे। धीरे धीरे रीठागाड से पलायन होने से पुरुषों की होली लुप्त हो गई। त
जिसके बाद महिलाओं ने इस परंपरा को न केवल जीवित रखा है बल्कि भव्य रूप से होली महोत्सव मनाया जा रहा है ।