नैनीताल ।  राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के दिशा निर्देशानुसार एवं  जिला न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल सुबीर कुमार के मार्गदर्शन में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल बीनू गुलयानी द्वारा शुक्रवार को जिला न्यायालय परिसर में कार्यशाला आयोजित कर कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (पोश एक्ट) की जानकारी दी गई ।
 कार्यशाला में  कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013) , “यौन उत्पीड़न अधिनियम” के बारे मे  विस्तार पूर्ण जानकारी दी गई । बताया कि सभी संगठनों (निजी क्षेत्र के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र) के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि काम के दौरान महिलाओं को किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न से बचाया जाए। इस आशय के लिए, प्रत्येक नियोक्ता या संगठन को अपने कर्मचारियों की यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच करने और उन्हें दूर करने के लिए एक समिति गठित करना आवश्यक है।
अधिनियम एवं नियमों के प्रावधानों के अनुसार, प्रत्येक नियोक्ता को यौन उत्पीड़न की शिकायतों को दूर करने के लिए “आंतरिक शिकायत समिति “(आईसीसी) नाम से एक समिति गठित करना आवश्यक है। कोई भी पीड़ित महिला कर्मचारी जो औपचारिक शिकायत दर्ज कराना चाहती है , वह क्षेत्रीय कार्यालय या मुख्यालय में संबंधित आंतरिक शिकायत समिति से संपर्क करके ऐसा कर सकती है।जब कोई व्यक्ति पोश में शिकायत दर्ज करता है तो आंतरिक शिकायत समिति  द्वारा जांच की जाती है। यह जांच के दौरान शामिल दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का मौका देती है। जांच 90 दिनों के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।जागरूकता शिविर एवं कार्यशाला के बाद महिलाओं से प्रश्न उत्तर के माध्यम से भी पोश एक्ट के बारे मे जानकारी दी गई।
जागरूकता शिविर व कार्यशाला में समस्त  महिला कर्मचारी,विद्वान महिला अधिवक्ता, जिला न्यायालय परिसर  की महिलाएं उपस्थित रहे।

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