नैनीताल । बारापत्थर क्षेत्र के कब्रिस्तान मार्ग,पिटरिया क्षेत्र में वन भूमि व नजूल भूमि में हुए अतिक्रमण को हटाने का अभियान शुक्रवार को मुख्यमंत्री के घोड़ाखाल दौरे के कारण रोकना पड़ा है । शुक्रवार को प्रशासन व पुलिस की टीम सुबह ही घोड़ाखाल पहुंच गई थी । शुक्रवार को डेढ़ बजे तक मुख्यमंत्री को घोड़ाखाल में गोलज्यू सन्देश यात्रा के समापन समारोह में शामिल होना है ।
    इधर विगत दिवस बारापत्थर घोड़ा स्टैंड से अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन की टीम बारापत्थर पुलिस चौकी से नीचे कब्रिस्तान मार्ग में गई । जहां घोड़े वालों के परिवार रहते हैं । यहां प्राधिकरण के मजदूरों ने जैसे ही झोपड़ियां हटानी शुरू की, वहां बड़ी संख्या में घोड़े वाले अपने परिवार सहित जमा हो गए । लेकिन प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही जारी रखी । इस स्थान तक जे सी बी नहीं जा सकती थी । जिस कारण मजदूर घन व सब्बल से ही अतिक्रमण हटा रहे थे । इस दौरान झुग्गी,झोपड़ी वाले लोग दहाड़ें मारते हुए रो रहे थे और खुदा के नाम का वास्ता देकर जिला प्रशासन व राज्य सरकार को गालियां दी रहे थे । भारी विरोध के बीच दोपहर साढ़े बारह बजे एक महिला बेहोश हो गई । जबकि एक महिला अपने नवजात बच्चे को लेकर प्रशासन के समक्ष पहुंच गई । एक घोड़े के टांग में चोट लगने की सूचना संयुक्त मजिस्ट्रेट को दी गई । अतिक्रमणकारियों ने बताया कि उनके बच्चों व घोड़ों के खाने,पीने व शाम को रहने की कोई व्यवस्था नहीं है । जिसके बाद आज प्रशासन ने यह कार्यवाही कल शुक्रवार सुबह 9 बजे तक के लिये रोक दी ।
 अतिक्रमण हटाओ दल का नेतृत्व संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन, प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय, सी ओ सन्दीप नेगी, ई ओ नगर पालिका अशोक वर्मा,कोतवाल प्रीतम सिंह कर रहे थे । इस दौरान प्राधिकरण,नगर पालिका,वन विभाग,विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे ।
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अतिक्रमण व अतिक्रमण हटाने के दौरान उठे सवाल !
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1- कब्रिस्तान मार्ग में दो दशकों से अतिक्रमण कर रह रहे लोगों के पास बिजली व पानी के कनेक्शन हैं । उनके पास आधार कार्ड, स्थाई निवास, मतदाता पहचान पत्र आदि कागजात भी थे । उनके बच्चे स्थानीय स्कूलों में अध्ययनरत हैं । उनका दावा है कि वे तीन चार पीढ़ी से यहां रह रहे हैं ।
2–
गुरुवार को प्रशासन ने घोडेवालों को ही निशाना बनाया । जिससे नाराज ये लोग प्रशासन पर केवल मुसलमानों को निशाना बनाने के आरोप लगा रहे थे । उनका कहना था कि पिटरिया की ओर से दूसरे समुदाय द्वारा भी अतिक्रमण किया गया है उसको क्यों नहीं तोड़ा जा रहा है ?
3–
प्रशासन के अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद बड़ी संख्या में लोग छत विहीन हो गए हैं । उनकी चिंता  बच्चों व घोड़े के साथ रात बिताने की थी । उनका कहना था कि वे तीन चार पीढ़ी से यहां रह रहे हैं, उन्हें बाहरी क्यों कहा जा रहा है ? वे नैनीताल से वापस कहाँ जायें ? उनके बच्चों की पढ़ाई का क्या होगा ? फिर उन्होंने चेतावनी दी कि वे रात को जंगल के बीच खुले में रहेंगे जहां जंगली जानवर रहते हैं और उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा ।
4–
बारापत्थर में 2001 में हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने घोड़ा स्टैंड बनाया । इससे पूर्व यह स्टैंड मल्लीताल नगर पालिका कार्यालय के पीछे था । जो हाईकोर्ट के निर्देश पर हटा था । बारापत्थर में सरकारी घोड़ा स्टैंड के समीप व टिफन-टॉप को जाने वाले मार्ग, लवर्स प्वाइंट के आसपास घोड़े वालों ने अतिक्रमण कर लिया और अस्थाई शैड बनाकर घोड़े बांधने शुरू कर दिए । यू पी के रामपुर, मुरादाबाद के टांडा,दड़ियाल से लोगों का लगातार आना जारी रहा और उनकी संख्या बढ़ती गई । जिससे वर्षों से रह रहे लोगों के समक्ष यह संकट उतपन्न हुआ ।

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