नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड एवं राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे के मामले में प्रोफेसर अजय रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई की। आज मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधिश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने नेशनल हाइवे आफ अथॉरिटी को निर्देश दिए है कि वे अपना पक्ष शपथपत्र के माध्यम से 15 जून तक कोर्ट में पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 15 जून की तिथि नियत की है। पूर्व में कोर्ट ने एनएचएआई को पक्षकार बनाकर उनसे रोपवे के मामले में स्थिति स्पस्ट करने को कहा था। जिसपर आज एनएचएआई ने स्थिति स्पस्ट करते हुए कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने रोपवे से सम्बंधित बड़े प्रोजेक्ट बनाने का जिम्मा उनको सौंपा है। यह प्रोजेक्ट भी उनको दिया है। इसके लिए एनएचएआई ने मार्च 2022 में जर्मन ऑस्ट्रेलियन कम्पनी को ठेका भी दे दिया है ।अब एनएचएआई इस पूरे प्रोजेक्ट का फिर से निरीक्षण करेगी। कोर्ट ने इन तथ्यों को शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने को कहा है।
मामले के अनुसार नैनीताल निवासी पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड और राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है। रोपवे के लिए निहाल नाले और बलिया नाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है ये दोनो नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदन शील क्षेत्र है। लिहाजा यहा किसी भी प्रकार का निर्माण नही किया जा सकता। पूर्व में भी हाईकोर्ट ने हनुमान गढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी । याचिकर्ता का यह भी कहना है कि वे रोपवे के विरोध में नही है बल्कि रोपवे के निर्माण से पहले इसकी विस्तृत भूगर्भीय जाँच कराई जाए।