पटना में 7 अप्रैल 2023 से 9 अप्रैल को केशव सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण में आयोजित भारतीय मजदूर संघ के 20वें अखिल भारतीय अधिवेशन में उत्तराखंड से श्रीमती रेनू नेगी महामंत्री आशा कर्मचारी संघ उत्तरांचल के नेतृत्व में 34 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल शामिल हुआ।
इस अधिवेशन में नयी कार्यसमिति का गठन किया गया। यह कार्यसमिति वर्ष 2023-2026 तक के लिए क्रियाशील रहेगी।
चुनाव प्रभारी वसंत राव पिम्पलापुरे की देख-रेख में चयनित नयी कार्यसमिति में हिरण्मय पंड्या (गुजरात) को अध्यक्ष, एस मलेशम (तेलंगाना), एम पी सिंह (उत्तर प्रदेश), के पी सिंह (मध्य प्रदेश), नीता चौबे (विदर्भ), सुखमिंदर सिंह डिक्की (पंजाब) एम जगदीश्वर राव (आंध्र प्रदेश) एवं राज बिहारी शर्मा (राजस्थान) को उपाध्यक्ष, रवींद्र हिमते (विदर्भ) को महामंत्री, सुरेंद्र कुमार पांडेय (छतीसगढ़) को उप महामंत्री, गिरिश चंद्र आर्या (दिल्ली), राम नाथ गणेशे (मध्य प्रदेश), अशोक कुमार शुक्ला (उत्तर प्रदेश), वी राधाकृष्णन (केरल), अंजली पटेल (उड़ीसा), नाबा कुमार गोगोई (असम) एवं राधे श्याम जायसवाल (छतीसगढ़) को मंत्री, श्रवण कुमार राठौड़ (राजस्थान) को वित्त सचिव एवं अनीश मिश्रा (दिल्ली) को सह वित्त सचिव बनाया गया है। वहीं बी सुरेंद्रन को संगठन मंत्री एवं गणेश मिश्रा को सह संगठन मंत्री मनोनीत किया गया है।
राष्ट्रीय महामंत्री श्री हिमते ने बताया कि सभी प्रदेश महामंत्री एवं महासंघ के महामंत्री स्थायी आमंत्रित सदस्य रहेंगे। वहीं, जयंती लाल, सुरेंद्र कुमार पांडेय, जयंत देशपांडे, वी राधाकृष्णन, डब्ल्यू एच शंकरा सुब्रह्नयन, रविशंकर सिंह, कृष्ण प्रताप सिंह, अन्ना धुमाल, वी आर वाचानी, राधेश्याम जायसवाल, के वी राधाकृष्णन, सीवी लोकेश, वी एम चावड़ा, एस मलेशम, के लक्ष्मा रेड्डी, देवेंद्र कुमार पांडेय, के के विजय कुमार, गिरिश आर्या, रामनाथ किन्नी, राजेन्द्र शर्मा, विराज टिक्कर, सोमेश विश्वास, रामनाथ गणेशे, महेंद्र प्रताप सिंह, अशोक कुमार शुक्ला, सुखविंदर सिंह डिक्की, ए सी केशवा रामव, उन्नीकृष्णन उन्नीनाथन एवं जगदीश्वर राव को अलग-अलग उद्योगों से सम्बंधित विभागों का प्रभारी बनाया गया है।
अधिवेशन में आर्थिक विकास के लिए दूसरे दिन दो प्रस्ताव पारित किए गए। ये दोनों प्रस्ताव श्रमिक एवं श्रम हितकारी है।
क्षेत्रीय संगठन मंत्री राज बिहारी शर्मा ने प्रस्ताव रखा कि ‘आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय श्रम नीति बने।’ उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का दो प्रमुख आधार है-पूंजी और श्रम। आर्थिक विकास में पूंजी और श्रम की अहम भूमिका होती है। किंतु, आर्थिक विकास से अर्जित लाभ पर पूंजी का एकतरफा अधिकार रहता है और श्रम उपेक्षित रह जाती है। समृद्ध और खुशहाल श्रम की आवश्यकता की वकालत करते हुए श्री शर्मा ने आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय श्रम नीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस प्रस्ताव का अनुमोदन डॉ दीपेंद्र चहर, महामंत्री, दिल्ली प्रदेश ने किया।
वहीं, शिल्पा पांडेय, अध्यक्ष, विदर्भ प्रान्त द्वारा न्यूनतम मजदूरी के स्थान पर जीविका मजदूरी देने का प्रस्ताव रखा गया। उन्होंने कहा कि जनकल्याण के वैधानिक दायित्व के निर्वहन के लिए देश की आर्थिक नीति में न्यूनतम मजदूरी के स्थान पर जीविका मजदूरी तय किया जाये, क्योंकि भारत जैसे देश को गरीबी उन्मूलन के लिए वर्तमान मजदूरी की जगह जीविका मजदूरी तय करना आज की आवश्यकता है। इस प्रस्ताव का अनुमोदन राष्ट्रीय मंत्री सोमेश विश्वास ने किया।
उपस्थित श्रमिकों ने भी भारत माता की जय के साथ इस प्रस्ताव को पारित किया।