नैनीताल । मकर संक्रांति के अवसर पर श्रीराम सेवक सभा द्वारा सभा भवन में खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया ।
परंपरा अनुसार मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, रेवड़ी आदि की तरह ही खिचड़ी भोज का विशेष महत्व है । इसलिए इसे खिचड़ी पर्व के नाम से भी जाना जाता है । खिचड़ी कोई साधारण भोजन नहीं है। बल्कि इसका संबंध ग्रहों से होता है । मान्यता है कि दाल, चावल, घी, हल्दी, मसाले और हरी सब्जियों के मिश्रण से बनने वाले खिचड़ी का संबंध नवग्रहों से है । इसलिए खिचड़ी के सेवन से शुभ फल की प्राप्ति होती है ।
खिचड़ी में प्रयुक्त होने वाले चावल का संबंध चंद्रमा से, नमक का शुक्र से, हल्दी का गुरु से, हरी सब्जियों का बुध से और खिचड़ी के ताप का संबंध मंगल ग्रह से होता है । मकर संकांति पर बनने वाली खिचड़ी में काली ऊड़द की दाल और तिल का प्रयोग किया जाता है, जिसके दान और सेवन से सूर्य देव और शनि की कृपा प्राप्त होती है । श्रीराम सेवक ने सभी नगरवासियों व उत्तराखंडवासियों को मकर संक्रांति की बधाई दी ।
जिसके बाद परंपरा अनुसार माघ की खिचड़ी परोसी गई ।इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष मनोज साह, उपाध्यक्ष अशोक साह , महासचिव जगदीश बवाड़ी, विमल चौधरी, ललित साह, मुकेश जोशी, भुवन बिष्ट, हरीश राणा, दीपक साह, मिथिलेश पांडे, आशु बोरा, कमलेश ढौंडियाल, डॉक्टर मनोज बिष्ट, दीप्ति बोरा,दामोदर लोहनी, सुरेश बिनवाल, प्रो. ललित तिवारी सहित अन्य लोगों ने खिचड़ी भोज में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया ।