भीमताल विधानसभा में बड़ा मुद्दा होगा आपदा व जंगली जानवरों का आतंक
आपदा से ग्रामीण काश्तकारों की आजीविका के साधन हो चुके हैं खत्म
मुआवजे के लिए नेताओं व अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं ग्रामीण
भीमताल। विधान सभा चुनाव में अबकी बार भीमताल विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय मुद्दों से बड़ा मुद्दा आपदा व जंगली जानवरों के आतंक रहेगा। चुनाव में आपदा का मुद्दा स्थानीय मुद्दा बनकर हावी रहेगा। ग्रामीणों की मानें तो जिस राजनीतिक दल ने स्थानीय मुद्दे को भुनाने में सफलता हासिल कर ली वह चुनावी मैदान में भी बाजी मारने में कामयाब रहेगा। पिछले साल अक्टूबर-21 में आयी आपदा से जिले में रामगढ़, धारी, ओखलकांडा व भीमताल ब्लॉक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। भीमताल के एक दर्जन लोग आपदा में अपनी जान गंवा चुके हैं। कई परिवार बेघर हो गये जो विस्थापन की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों के खेत खलिहान व बाग बगीचे पूरी तरह दब व बह चुके हैं। जिसके चलते उनकी आजीविका खत्म हो गयी है। आपदा से हुए नुक़सान से ग्रामीण परेशान हैं। नुकसान का वास्तविक मुआवजा की मांग वह नेताओं से लेकर अधिकारियों तक कर चुके हैं पर उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में खेत आपदा से बच गये हैं वहां पर बंदर, सुअर व सेई जंगली जानवर काश्तकारों की फसल को चौपट कर रहे हैं। इनकी डर से किश्तकारों ने खेती करनी छोड़ दी है और पलायन हो रहे हैं। जानकार लोगों की मानें तो गांव में राष्ट्रीय मुद्दे चुनाव में कोई प्रभाव नहीं दिखा पाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय मुद्दे ही हावी रहेंगे।