नैनीराल । उत्तराखंड हाइकोर्ट ने प्राईमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाए करीब साढ़े तीन हजार शिक्षकों की नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से चार सप्ताह में स्थिति स्पस्ट करने को कहा है।

 

कोर्ट ने पूछा है कि ऐसे कितने शिक्षक है और अभी तक उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई इस पर स्थिति स्पस्ट करें। मामले की अगली सुनवाई 5 अक्टूबर की तिथि नियत की है। आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ में हुई।

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मामले के अनुसार स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य के प्राईमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी तरीके से नियुक्त किये गए हैं जिनमें से कुछ अध्यापको की एसआईटी जाँच की गई जिनमे खचेड़ू सिंह ,ऋषिपाल ,जयपाल के नाम सामने आए  । परन्तु विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इनको क्लीन चिट दी गयी और ये अभी भी कार्यरत हैं । संस्था ने इस प्रकरण की एसआईटी से जाँच करने को कहा है।

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पूर्व में राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र पेश कर कहा था कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी पाए गए है उन पर विभागीय कार्यवाही चल रही।

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