नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर दायर हवालबाग अल्मोड़ा निवासी जितेंद्र यादव की जनहित याचिका की सुनवाई में गुरुवार को सुनवाई करते हुए कूड़े का पृथक्कीकरण सोर्स पर ही करने के निर्देश दिये । याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में याचिका की सुनवाई हुई ।
खण्डपीठ ने सरकार को निर्देश दिए कि जैविक व अजैविक कूड़े का पृथक्कीकरण कूड़े के सोर्स पर ही किया जाए और इस हेतु नगर निकाय व पंचायतें बायलॉज बनाये । हाईकोर्ट ने कहा कि जिन क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण हेतु अब तक कॉम्पेक्टर नहीं लगे हैं वहां तुरन्त कॉम्पेक्टर लगाए जाएं । नगर निकाय शहरों की नालियों की सफाई करना सुनिश्चित करें । कोर्ट ने स्वच्छता को लेकर हाईकोर्ट की बेवसाइट में अपलोड हो रहे नक्शों के धुंधलेपन पर असन्तोष व्यक्त करते हुए सचिव वन व सचिव राजस्व को निर्देश दिए कि इन नक्शों की गुणवत्त्ता ठीक की जाए । प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं कि प्लास्टिक निर्माता कम्पनियों के पंजीकरण की स्थिति के बारे में बताएं साथ ही इन कम्पनियों के वेस्ट मैनेजमेंट व कूड़ा एकत्र करने के लक्ष्य की जानकारी भी दें । साथ ही अर्थदण्ड वसूलने के ब्यौरा भी दें ।
इधर आज सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से शपथ पत्र देकर बताया गया कि सभी गांवों में कूड़ा उठाने की व्यवस्था कर दी गई है । हाईकोर्ट ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्वयं सेवियों से कोर्ट के आदेशों की मॉनिटरिंग करने को कहा है और प्रत्येक तिथि को कोर्ट में रिपोर्ट देने को कहा है । जिसमें प्रशासनिक मशीनरी द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन होने अथवा न होने का ब्यौरा देना होगा । इस मामले की अगली सुनवाई अब 15 सितंबर को होगी ।