नैनीताल । एचएमटी प्रबंधन द्वारा एचएमटी कर्मचारी आवासीय कॉलोनी, अमृतपुर, रानीबाग में पानी की आपूर्ति बन्द करने के खिलाफ एच एम टी कामगार संघ द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एच एम टी प्रबंधन से 24 घण्टे के भीतर जलापूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिए हैं । याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई ।
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एच एम टी कामगार संघ ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2016 में केंद्र सरकार द्वारा एच एम टी फैक्ट्री को सशर्त बंद करने की अनुमति दी थी। जिसके अनुसार 2007 के नेशनल पे स्केल पर वीआरएस/वीएसएस पैकेज या छंटनी मुआवजा देने के बाद ही फैक्ट्री को बंद किया जा सकता था।
एचएमटी वॉच फैक्ट्री प्रबंधन ने याचिकाकर्ताओं को 2007 के नेशनल पे स्केल पर वीआरएस/वीएसएस पैकेज नहीं दिया है । इसलिए प्रबंधन ने स्वयं बंद करने के आदेश की शर्तों का उल्लंघन किया है। इस सम्बन्ध में कामगार संघ ने हाईकोर्ट में याचिका पूर्व में दायर की थी जो अभी भी न्यायालय के समक्ष लंबित है । इस बीच प्रबंधन द्वारा आवासीय कालौनी को जबरन खाली कराने हेतु जलापूर्ति बन्द करने का प्रयास मनमाना और अवैध है।
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रतिवादियों केंद्र सरकार, जिला मजिस्ट्रेट, एचएमटी वॉच फैक्ट्री प्रबंधन को एचएमटी कर्मचारी आवासीय कॉलोनी, अमृतपुर में पानी की आपूर्ति 24 घण्टे के भीतर बहाल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आवासीय कालौनी में रह रहे लोगों को जल शुल्क का भुगतान करना होगा।