नैनीताल । यूक्रेन के खारकीव शहर में कई दिन से रूसी सेना के बमबारी के बीच घिरी नैनीताल की आयुषी जोशी जान की परवाह किये बिना पैदल ही रेलवे स्टेशन पहुंच गई । जहां से वह ट्रेन से पोलैंड बॉर्डर पहुंचने वाली है । आयुषी जोशी ने अपने परिजनों को फोन पर बताया कि वे जिस बंकर में छुपी थी उसके आसपास लगातार बमबारी हो रही थी और तोप,गोला बारूद के फटने की आवाज आ रही थी । जिससे वे भयभीत थी और मौत के भय से तिल तिल मरने के बजाय उसने पैदल शहर से बाहर जाने का फैसला किया । उनके कॉलेज की तरफ से मोबाइल में मैसेज भी आया था कि खरकीव से एक ट्रेन पोलैंड की ओर जा रही है । ट्रेन का यह स्टेशन उनके बंकर से तीन किमी दूर था और उसने पैदल यह दूरी नाप ली और जब वह अपने साथी के पैदल चल रही थी तब आसपास बम फटने की आवाजें आ रही थी  लेकिन वह रेलवे स्टेशन सकुशल पहुंच गई और ट्रेन से शहर से बाहर निकल रही है । आयुषी ने बताया है कि वहां मोबाइल नेटवर्क अब नहीं आ रहे हैं और जब कभी मोबाइल में नेटवर्क होगा वह स्वयं मैसज करेगी । लेकिन पोलैंड से उनके एयरलिफ्ट की क्या व्यवस्था  यह उन्हें नहीं मालूम । आयुषी की नानी व राज्य आंदोलनकारी मुन्नी तिवारी ने बताया कि आयुषी के खारकीव से निकलने की सूचना से उन्हें थोड़ा राहत मिली है । लेकिन आगे क्या व्यवस्था है उससे वे फिक्रमंद हैं ।

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