नैनीताल । बाजपुर के चर्चित पिपलिया कांड में आरोपी बनाए गए अविनाश शर्मा के पुत्र विराट ए देवगन की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए सरकार से 4 हफ्ते में जबाव दाखिल करने को कहा है । मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की एकलपीठ में हुई ।
मामले के अनुसार 26 अप्रैल की रात पिपलिया में स्टोन क्रशर के कारोबार में अविनाश शर्मा के पक्ष के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । जिसकी रिपोर्ट 27 अप्रैल की सुबह 4 बजे तेजेन्द्र सिंह ने नेत्रपाल व दर्पण शर्मा आदि के खिलाफ दर्ज कराई । जिनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया । उसी सुबह 4 बजकर 44 मिनट पर नेत्रपाल ने अविनाश शर्मा व 12 अन्य के खिलाफ आई पी सी की धारा 323,452,504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया । किन्तु शाम को नेत्रपाल ने इस रिपोर्ट में 452 के स्थान पर आई पी सी की धारा 395 (लूट) जुड़वा दी ।
मामले की विवेचना के दौरान पुलिस ने इस मामले में अविनाश शर्मा के पुत्र विराट ए देवगन को भी पुलिस ने नामजद किया । जिसे गलत ठहराते हुए विराट ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए उनके खिलाफ दर्ज एफ आई आर को निरस्त करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की । विराट की याचिका में कहा गया है कि वह घटना के समय न तो मौके पर था और न ही एफ आई आर में वह नामजद है । इस आधार पर कोर्ट ने विराट की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी ।

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इस मामले में याची के अधिवक्ता सन्दीप तिवारी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 का उल्लेख करते हुए अदालत को बताया कि किसी संज्ञेय अपराध की एफ आई आर एक ही बार दर्ज होती है और दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के मुताबिक एफ आई आर में छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकती । किन्तु इस मामले में पुलिस ने इस संहिता का उल्लंघन करते हुए एफ आई आर में छेड़छाड़ की है ।इस मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व में ही सम्बंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर जबाव देने को कहा है ।

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