हाईकोर्ट का सख्त रुख ।
नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी शहर के सौंदर्यीकरण व सड़क चौड़ीकरण के मामले में नगर निगम व लोक निर्माण विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों को 21 अगस्त को दिये नोटिस पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने नगर आयुक्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने का कहा।
हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर आयुक्त कोर्ट में पेश हुए ।उनके द्वारा कोर्ट को आश्वस्त किया कि अतिक्रमण कारियों का पक्ष सुनने के लिए दस दिन का समय देकर नया नोटिस दिया जाएगा। फिलहाल कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों को फौरी राहत दे दी है। जबकि नगर निगम व लोक निर्माण विभाग ने उन्हें नोटिस जारी कर 23 अगस्त तक चिन्हित अतिक्रमण को स्वयं हटाने को कहा था। व्यापारियों ने प्रार्थनापत्र में कहा है कि 20 अगस्त को उच्च न्यायलय ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए कहा था कि अगर किसी अतिक्रमणकारी का हित प्रभावित होता है तो वे उचित फोरम या कोर्ट में जा सकते हैं। लेकिन अभी तक कोर्ट का आदेश तक नहीं आया है और निगम व लोक निर्माण विभाग ने बिना आदेश के उन्हें 23 अगस्त तक स्वयं चिन्हित अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिये। उनको सुनवाई का मौका तक नहीं दिया। जिस पर पर कोर्ट ने नगर आयुक्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने को कहा।
मामले के अनुसार हल्द्वानी की नया सवेरा सोसाइटी ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हल्द्वानी में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने और सड़क चौड़ीकरण का काम ठीक से नहीं किया जा रहा है। इसमें प्रशासन ने महज खानापूर्ति की है । जिला प्रशासन द्वारा सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रही सरकारी सम्पत्तियों को तो हटा दिया गया। लेकिन निजी भूमि में बने होटलों और दुकानदारों को महज नोटिस जारी कर औपचारिकता की गई है।
इस मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों की सुनवाई की । जिसमें उन्हें अतिक्रमणकारी माना गया । हाईकोर्ट ने प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर 20 अगस्त को जनहित याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि यदि प्रशासन की रिपोर्ट पर किसी व्यक्ति का हित प्रभावित होता है तो वे उचित फोरम में अपना पक्ष रख सकते हैं ।