*असमंजस की स्थिति से रहें बिल्कुल दूर दूसरा और तीसरा नवरात्र आज मनाया जाएगा।*
आज 31मार्च 2025 को नवरात्रि पर्व का दूसरा दिन है। लेकिन इस दिन दूसरा और तीसरा नवरात्र
एक साथ मनायाजाएगा। ऐसा तिथि के क्षय के कारण हो रहा है। इस दिन द्वितीया तिथि प्रातः सात घड़ी 45 पल अर्थात 9 बजकर 11 मिनट तक रहेगी तो वहीं इसके बाद तृतीया तिथि लग जाएगी जो 1अप्रैल की सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर ही खत्म हो
जाएगी। क्योंकि 1 अप्रैल को सूर्योदय के समय तृतीया तिथि मौजूद नहीं है इसलिए तीसरा नवरात्र भी 31 मार्च को ही मनाया जाएगा। जो भक्त नौ दिन के व्रत रख रहे हैं वो दूसरे नवरात्र के दिन ही मां ब्रह्मचारिणी के साथ मां चंद्रघंटा की भी
पूजा करेंगे।
दूसरा और तीसरा नवरात्र साथ होने पर कैसे करें पूजा आइए जानते हैं -:
नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा की पूजा के समय मां ब्रह्मचारिणी के साथ मां चंद्रघंटा की भी पूजा करें । दोनों ही माताओं के मंत्रों का जाप करें। साथ ही देवी दुर्गा के दोनों स्वरूपों की आरती भी करें। इससे एक ही दिन में आपको दोनों नवरात्र की पूजा का फल एक साथ मिल जाएगा।
इन मंत्रों के साथ करें पूजा-:
सर्वप्रथम मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र-:
ऊँ ऐं हरीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः।
ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी।
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते।
या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
मां ब्रह्मचारिणी का भोग -:
मां ब्रह्मचारिणी को मीठे पकवानों का भोग अर्पित किया जाता है। विशेष रूप से मां को दूध, मिश्री से बनी मिठाइयों
या पंचामृत का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
तदुपरांत आज ही मां चंद्रघंटा की पूजा इन मंत्रों के साथ करें-:
मां चंद्रघंटा की पूजा के मंत्र-:-
ऐं श्रीं शक्तये नमः।-
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै,नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।।
-पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपासत्रकेर्युता। प्रसादे तनुते मह्ं
चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
आलेख के लेखक-:
आचार्य पंडित प्रकाश जोशी गेठिया नैनीताल।