नैनीताल । आशा कार्यकर्ताओं की लम्बे समय से चली आ रही मांगों के सम्बंध में वार्ता के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्टू से सम्बद्ध आशा वर्कर्स यूनियन व सीटू से सम्बद्ध यूनियन को कल 21 अप्रैल को वार्ता हेतु देहरादून बुलाया है । इस वार्ता हेतु नैनीताल की विधायक सरिता आर्या ने मुख्यमंत्री से समय तय कराया है । इस वार्ता में आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल,बेतालघाट की विमला उप्रेती,उधमसिंहनगर की ममता पानू, कुलविंदर कौर,चंपावत की लीला ठाकुर व सीटू की प्रदेश अध्यक्ष देहरादून शिवा दूबे शामिल होंगी ।

आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने बताया कि इस वार्ता में बी डी पांडे अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी, अल्ट्रासाउंड की समस्या आदि से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा । इसके अलावा मुख्य मुद्दा आशा वर्कर्स की मांगों का है । उनकी मांगों से सम्बंधित ज्ञापन यह है–::

 

सेवा में,
श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तराखंड सरकार,
देहरादून।

विषय: राज्य की आशाओं की समस्याओं का तत्काल समुचित समाधान किए जाने के संबंध में.

महोदय,
गर्भवती महिलाओं की सेवा कर रही आशाओं को विभिन्न कारणों से प्रताड़ित होना पड़ रहा है। सभी कर्मचारियों का पैसा बढ़ रहा है, महंगाई लगातार बढ़ रही है लेकिन आशाओं की ट्रेनिंग में दिया जाने वाला पैसा इतना भी नहीं होता कि दूर दराज से आने वाली आशाएं अपना किराया भाड़ा भी दे सकें। कभी कभी तो ट्रेनिंग देर तक चलने के कारण उनकी गाड़ी भी छूट जाती है और उन्हें रुकना पड़ता है। क्या न्यूनतम वेतन से वंचित आशाएं अब अपना किराया भाड़ा और रहने का खर्च भी खुद वहन करें, यह कहां का न्याय है। साथ ही आशाओं को मिलने वाला विभिन्न मदों का प्रति माह मिलने वाला पैसा छह छह माह तक नहीं मिल रहा है जिसके कारण आर्थिक स्थिति से कमजोर आशाएं बहुत परेशानी का सामना कर रही हैं। साथ ही आपकी सरकार द्वारा मोबाइल फोन दिए जाने की घोषणा को भी सभी जगह समान रूप से लागू नहीं किया गया है।

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महोदय, एक तो आपकी सरकार आशाओं को न्यूनतम वेतन दिए बिना ही स्वास्थ्य विभाग के सारे काम करा रही है और उस पर जो पैसा मिलना चाहिए वो भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। ट्रेनिंग का पैसा घटता जा रहा है और जो पैसा मिलता भी है तो उसका प्रति माह भुगतान होने के स्थान पर महीनों तक लटकाने के कारण आशाएं परेशान होती हैं।

महोदय, साथ ही हम याद दिलाना चाहते हैं कि, 31 अगस्त 2021 को उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन (ऐक्टू) के आंदोलन के बाद आपके खटीमा स्थित कैम्प कार्यालय में आशाओं के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के बाद आपने आशाओं को मासिक मानदेय नियत करने व डी.जी. हेल्थ उत्तराखंड के आशाओं को लेकर बनाये गये प्रस्ताव को लागू करने का वादा किया था. लेकिन आपके वादे को कुछ समय बाद दो साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन आपकी सरकार द्वारा यह वादा पूरा नहीं किया गया है. छह महीने के मुख्यमंत्री के रूप में किये गये अपने वायदे को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल का कार्यकाल मिल जाने के बाद आपको अवश्य ही पूरा करना चाहिए. साथ ही 2021 की आशा हड़ताल में शामिल आशा वर्कर्स का पैसा सरकार ने काट लिया गया था उस पैसे का अविलंब भुगतान करते हुए पैसा आशाओं के खाते में डाला जाय।

महोदय, स्वास्थ्य विभाग की नियमित कर्मचारी न होते हुए भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी लगन और मेहनत के साथ बेहतर काम के बल पर आशायें स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बन चुकी हैं. जिसकी सराहना डब्ल्यूएचओ समेत पूरी दुनिया ने की है लेकिन इसके बावजूद सरकारें आशाओं को उनका वास्तविक हक नहीं दे रही हैं. जमकर लेंगे पूरा काम पर नहीं मिलेगा पूरा दाम आशाओं के साथ आखिर कब तक चलेगा. आज समय आ गया है कि आशाओं के शानदार योगदान के महत्व को समझते हुए उनको न्यूनतम वेतन देते हुए स्वास्थ्य विभाग का स्थायी कर्मचारी घोषित किया जाय और देश के विभिन्न राज्यों की भांति सेवानिवृत्त होने पर सभी आशाओं के लिए एकमुश्त धनराशि व आजीवन अनिवार्य पेंशन का प्रावधान किया जाय.

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महोदय, एक तो आशाओं न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा कुछ भी नहीं मिलता दूसरी ओर काम के बोझ को लागातार बढ़ाया जाना कहां तक न्यायोचित है।

महोदय, हम आशाओं की समस्याओं के समाधान हेतु आपसे मांग करते हैं कि –

1. आशाओं को मासिक मानदेय नियत करने व डी.जी. हेल्थ उत्तराखंड के आशाओं को लेकर बनाये गये प्रस्ताव को लागू करने का आपके द्वारा खटीमा में किया गया वादा पूरा किया जाय.
2. आशाओं को न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा व सेवानिवृत्त होने पर सभी आशाओं को अनिवार्य पेंशन का प्रावधान करने का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमण्डल व विधानसभा से पारित किया जाय.
3. 60 की उम्र पूर्ण कर सेवानिवृत्त होने वाली आशाओं को एकमुश्त धनराशि व आजीवन पेंशन का प्रावधान किया जाय।
4. आशाओं को विभिन्न मदों के लिए दिए जाने वाले पैसे कई कई महीनों तक लटकाने के स्थान पर अनिवार्य रूप से हर महीने दिया जाय।
5. आशाओं को ट्रेनिंग के दौरान प्रति दिन पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाय।
6. 2021 की आशा हड़ताल में शामिल रही आशाओं का पैसा सरकार ने काट लिया गया था वह पैसा तत्काल आशाओं के खाते में डाला जाय।
7. सभी आशाओं को वादानुसार स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जाय.

महोदय, आशा ही नहीं विश्वास है कि आप आशाओं की उक्त मांगों पर ध्यान देते हुए शीघ्रता से समाधान करेंगे.

धन्यवाद ।

By admin

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