नैनीताल । ‘मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना’ के अंतर्गत कुमाऊं विश्वविद्यालय, भीमताल कैंपस में बायोटेक्नोलॉजी के सह-प्राध्यापक डॉ. संतोष उपाध्याय को कैंसररोधी यौगिकों की पहचान के लिए 13.3 लाख का अनुदान मिला है।

इस संबन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि डॉ. उपाध्याय ने बताया कि कैंसर होने की प्रक्रिया में ट्यूमर का कैंसर में परिवर्तित होना एक महत्वपूर्ण कदम है परन्तु इस दिशा में औषधि विकास से सम्बन्धित अब तक के शोध मुख्य रूप से कोशिकाओं के विभाजन को रोकने पर केंद्रित रहे हैं। इस दिशा में शोध परियोजना का लक्ष्य उन यौगिकों की पहचान करना है जो कैंसर के फैलाव (मेटास्टेसिस) और औषधियों के प्रति उनकी प्रतिरोधकता को रोकने में सहायक हों। इस शोध में मुख्य रूप से एक प्रकार के फेफड़ों के कैंसर (एडेनोकार्सिनोमा) की कोशिकाओं पर काम किया जायेगा और इन सूक्ष्म यौगिकों की उपस्थिति में कैंसर कोशिकाओं की औषधियों के प्रति संवेदनशीलता का अध्ययन किया जायेगा। उत्साहवर्धक परिणाम मिलने पर भविष्य में इन यौगिकों का प्रयोग मनुष्य के अन्य प्रकार के कैंसरों पर भी किया जा सकता है।

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इस शोध में डॉ. संतोष उपाध्याय के अतिरिक्त रसायन विज्ञान विभाग, डी. एस. बी. कैंपस की सह-प्राध्यापिका डॉ. पैनी जोशी भी शोध-अन्वेषक हैं। उक्त परियोजना के अतिरिक्त यह रिसर्च ग्रुप डी. एस. टी. से प्राप्त एक अन्य अनुदान के अन्तर्गत हिमालयन लाइकेनों से भी कैंसर-रोधी घटकों की पहचान की कोशिश कर रहा है। दोनों ही प्राध्यापक कुमाऊं विश्वविद्यालय से पहले अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थानों: यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेनसिलवेनिया, फ़िलेडैल्फ़िया तथा रोजवेल पार्क कैंसर इंस्टिट्यूट, बफैलो में 4 से 5 वर्ष तक कैंसर पर शोध कार्य कर चुके हैं।

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